NU: नागालैंड विश्वविद्यालय ने मधुमेह की वजह से हुए घावों के उपचार में सहायक ‘प्राकृतिक यौगिक’ की पहचान की
Press Trust of India | October 21, 2025 | 05:48 PM IST | 2 mins read
नागालैंड यूनिवर्सिटी के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष पनव कुमार प्रभाकर के मुताबिक, यह विश्व स्तर पर पहला अध्ययन है जो दर्शाता है कि सिनापिक एसिड मुंह के रास्ते देने पर प्रीक्लिनिकल मॉडलों में मधुमेह के घाव तेजी से भर सकते हैं।
नई दिल्ली: नागालैंड विश्वविद्यालय (Nagaland University) के अनुसंधानकर्ताओं ने पौधे में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ‘सिनापिक एसिड’ नामक एक यौगिक की पहचान की है जो एक शक्तिशाली चिकित्सीय एजेंट के रूप में काम करता है और मधुमेह की वजह से होने वाले घाव को तेजी से भरने में सक्षम है। अधिकारियों ने बताया कि यह खोज एक बड़ी प्रगति है, जिसके परिणामस्वरूप मधुमेह के घाव प्रबंधन के लिए सुरक्षित, प्राकृतिक और प्रभावी उपचार उपलब्ध हो सकता है।
नागालैंड यूनिवर्सिटी के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष पनव कुमार प्रभाकर के मुताबिक यह विश्व स्तर पर पहला अध्ययन है जो दर्शाता है कि सिनापिक एसिड मुंह के रास्ते देने पर प्रीक्लिनिकल मॉडलों में मधुमेह के घाव तेजी से भर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस अनुंसधान से यह स्थापित हुआ है कि यह यौगिक एसआईआरटी1 (एक प्रकार का एंजाइम) मार्ग को सक्रिय करके काम करता है, जो ऊतक मरम्मत, एंजियोजेनेसिस और सूजन नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश के. पटनायक ने कहा, ‘‘यह खोज न केवल हमारे वैज्ञानिक समुदाय की ताकत को उजागर करती है, बल्कि प्रकृति में निहित नवाचार के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का समाधान करने की हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। मैं स्वास्थ्य सेवा समाधानों को बेहतर बनाने की दिशा में उनके समर्पण और योगदान के लिए अनुसंधान दल को बधाई देता हूं।’’
इस अनुसंधान पत्र को नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष पनव कुमार प्रभाकर ने बताया कि मधुमेह (डायबिटीज) दुनिया की सबसे गंभीर दीर्घकालिक बीमारियों में से एक है, जो विश्वभर में करोड़ों लोगों को प्रभावित करती है।
उन्होंने ने कहा, ‘‘इसकी गंभीर जटिलताओं में घाव भरने में देरी शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर मधुमेह के कारण पैर में घाव, संक्रमण और गंभीर मामलों में अंग-विच्छेदन हो जाता है। मौजूदा सिंथेटिक दवाओं ने सीमित प्रभावकारिता दिखाई है और अक्सर अवांछनीय दुष्प्रभाव पैदा करती हैं।’’
प्रभाकर ने कहा, ‘‘हमने एक सुरक्षित, पौधे-आधारित विकल्प की तलाश शुरू की - यह पता लगाने के लिए कि विभिन्न खाद्य पौधों में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट सिनापिक एसिड, किस प्रकार ऊतकों की मरम्मत में तेजी ला सकता है, सूजन को कम कर सकता है, तथा मधुमेह के घावों में नई रक्त वाहिकाओं के निर्माण को बढ़ावा दे सकता है।’’
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि अनुसंधान के दौरान पाया गया कि कम खुराक (20 मि.ग्रा./कि.ग्रा.) की दर से दी गई खुराक उच्च खुराक (40 मि.ग्रा./कि.ग्रा.) की तुलना में अधिक प्रभावी थी, जिसे ‘विपरीत खुराक-प्रतिक्रिया’ के रूप में जाना जाता है।
प्रभाकर ने कहा, ‘‘यह परिणाम न केवल खुराक की रणनीति को अनुकूलित करता है, बल्कि भविष्य में दवा के विकास के लिए महत्वपूर्ण नैदानिक निहितार्थ भी रखता है। इस खोज के प्रमुख उद्देश्यों में मधुमेह के कारण होने वाले पैर के घाव से अंग को काटने के जोखिम को कम करना और तेजी से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करना, एक किफायती, प्राकृतिक चिकित्सा प्रदान करना और ग्रामीण तथा संसाधन-सीमित परिवेशों में रोगियों के लिए पहुंच में सुधार करना शामिल है।’’
अगली खबर
]NIACL AO Mains Admit Card 2025: एनआईएसीएल एओ मेन्स एडमिट newindia.co.in पर जारी, मुख्य परीक्षा 29 अक्टूबर को
एनआईएसीएल प्रशासनिक अधिकारी (स्केल-1) जनरलिस्ट एवं स्पेशलिस्ट, 2025 के पद पर भर्ती प्रक्रिया के चरण-2 के लिए प्रोविजनल रूप से चयनित उम्मीदवारों के रोल नंबरों की सूची वेबसाइट पर उपलब्ध है।
Abhay Pratap Singh | 2 mins readविशेष समाचार
]- Govt in Lok Sabha: केवीएस में 10,173 पद रिक्त; 2014 से भर्ती और कॉन्ट्रैक्ट टीचरों का साल-वार विवरण जारी
- एसएमवीडीआईएमई में हिंदुओं के लिए आरक्षण और मुस्लिम छात्रों को स्थानांतरण करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
- IIM Indore Admission Guidelines 2026-28: आईआईएम इंदौर ने पीजीपी एडमिशन गाइडलाइंस जारी की, पात्रता मानदंड जानें
- IIT Bombay News: महाराष्ट्र सरकार आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलने के लिए केंद्र को लिखेगी पत्र, सीएम ने दी जानकारी
- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज
- Nobel Prize in Physics 2025: जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिला भौतिकी का नोबेल प्राइज