MERITE Scheme: तकनीकी शिक्षा में बहु-विषयक शिक्षा एवं अनुसंधान सुधार योजना को 4,200 करोड़ रुपए की मिली मंजूरी

एमईआरआईटीई योजना के तहत 275 सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों का चयन किया जाएगा। इस योजना से लगभग 7.5 लाख छात्र लाभान्वित होंगे।

इस 4,200 करोड़ रुपए में से 2,100 करोड़ रुपए की राशि विश्व बैंक से ऋण (लोन) के रूप में बाहरी सहायता के रूप में प्राप्त होगी। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Abhay Pratap Singh | August 8, 2025 | 05:54 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कुल 275 तकनीकी संस्थानों में ‘तकनीकी शिक्षा में बहु-विषयक शिक्षा एवं अनुसंधान सुधार’ योजना (MERITE Scheme) के कार्यान्वयन के लिए 4,200 करोड़ रुपए की बजटीय सहायता को मंजूरी दी है। इसमें 175 इंजीनियरिंग संस्थान और 100 पॉलिटेक्निक शामिल हैं।

पीआईबी के अनुसार, “यह एक ‘केंद्रीय क्षेत्र योजना’ (Central Sector Scheme) है, जिसकी कुल वित्तीय लागत 4,200 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है, जो वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 की अवधि के लिए होगी। इस 4,200 करोड़ रुपए में से 2,100 करोड़ रुपए की राशि विश्व बैंक से ऋण (लोन) के रूप में बाहरी सहायता के रूप में प्राप्त होगी।

इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप हस्तक्षेपों को लागू करके सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता, समानता और शासन में सुधार लाना है। इस योजना के तहत 275 सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों का चयन किया जाएगा। इनमें एनआईटी, राज्य इंजीनियरिंग संस्थान, पॉलिटेक्निक और संबद्ध तकनीकी विश्वविद्यालय शामिल होंगे।

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इसके अलावा, तकनीकी शिक्षा क्षेत्र से जुड़े राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के विभागों को भी एमईआरआईटीई स्कीम के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना से लगभग 7.5 लाख छात्र लाभान्वित होंगे। यह योजना सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी इंजीनियरिंग संस्थानों और पॉलिटेक्निकों में लागू की जाएगी।

आईआईटी और आईआईएम जैसे शैक्षणिक संस्थान और उच्च शिक्षा क्षेत्र में नियामक निकाय जैसे एआईसीटीई, एनबीए आदि भी इस योजना के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

Multidisciplinary Education and Research improvement in Technical Education: योजना के प्रभाव और लाभ

इस योजना से अपेक्षित प्रमुख परिणामों की जांच नीचे कर प्रकार हैं:

  • भाग लेने वाले भागीदार राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में डिजिटलीकरण की रणनीतियों का विकास।
  • तकनीकी पाठ्यक्रमों में बहु-विषयक (मल्टीडिसिप्लिनरी) कार्यक्रमों के लिए दिशानिर्देशों का विकास।
  • छात्रों के सीखने और रोजगार कौशल में वृद्धि।
  • विभिन्न छात्र समूहों के बीच स्थानांतरण दर (ट्रांजिशन रेट) में वृद्धि।
  • अनुसंधान और नवाचार के माहौल को मजबूत बनाना।
  • गुणवत्ता आश्वासन और सुशासन तंत्र में सुधार, जिससे दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित होंगे।
  • स्वीकृति (एक्रिडिटेशन) में वृद्धि और संस्थान-स्तरीय गुणवत्ता आश्वासन प्रणाली को बेहतर बनाना।
  • रोजगार बाजार से जुड़ा, प्रासंगिक पाठ्यक्रम और ब्लेंडेड कोर्स का विकास एवं कार्यान्वयनक्षणिक प्रशासकों, विशेषकर महिला संकाय का विकास।
  • भविष्य के शैक्षणिक प्रशासकों का विकास, विशेष रूप से महिला शिक्षकों को सशक्त करना।
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