Santosh Kumar | July 18, 2024 | 03:47 PM IST | 1 min read
अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति मोहम्मद शकील ने मंगलवार (16 जुलाई) को अपनी आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए निलंबन का आदेश दिया।
नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने चार पीएचडी स्कॉलर द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत के बाद एक प्रोफेसर को निलंबित कर दिया है। साथ ही उनके खिलाफ आरोपों की जांच के आदेश भी दिए गए हैं। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, कथित उत्पीड़न के कारण एक स्कॉलर ने अपना एडमिशन रद्द कर दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति मोहम्मद शकील ने मंगलवार (16 जुलाई) को अपनी आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए निलंबन का आदेश दिया। कुलपति ने मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और इसकी जांच की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति को सौंप दी है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, रजिस्ट्रार ने आदेश में कहा कि प्रोफेसर को सामाजिक विज्ञान संकाय द्वारा लिखे गए एक पत्र के बाद निलंबित किया गया था, जिसमें "यौन उत्पीड़न, असहयोग, अपमानजनक व्यवहार, अनुशासनहीनता और अभद्र भाषा" की शिकायतें की गई थीं।
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4 पीएचडी स्कॉलर्स ने प्रोफेसर पर अपने व्याख्यान के दौरान "अपमानजनक भाषा" का इस्तेमाल करने और "स्पष्ट यौन प्रस्ताव" देने का आरोप लगाया है। स्कॉलर्स ने आरोप लगाया है कि प्रोफेसर ने व्याख्यान के दौरान उनके प्रति अश्लील इशारे भी किए।
निर्देशों के अनुसार, निलंबित प्रोफेसर को जांच पूरी होने तक कक्षाएं लेने से रोक दिया गया है और उन्हें अगले आदेश तक 'चीफ प्रॉक्टर ऑफिस' में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। विश्वविद्यालय के आदेश में कहा गया है कि प्रोफेसर के आचरण के कारण एक छात्रा ने अपना पीएचडी प्रवेश भी रद्द करवा लिया है।
निलंबित प्रोफेसर सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना निलंबन अवधि के दौरान शहर से बाहर नहीं जा सकेंगे। आरोपी प्रोफेसर को इस दौरान विश्वविद्यालय के मुख्य प्रॉक्टर के कार्यालय में उपस्थिति दर्ज करानी होगी।