समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, भारतीय उच्चायोग ने यह सलाह बांग्लादेश सरकार द्वारा सभी सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालयों को बंद करने के फैसले के बाद जारी की है।
Santosh Kumar | July 18, 2024 | 02:21 PM IST
नई दिल्ली: सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर बांग्लादेश के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हालात इतने बेकाबू हो गए हैं कि ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग ने बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए तत्काल एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने देश में बढ़ती अशांति के कारण भारतीयों को अनावश्यक यात्रा से बचने और अपने घरों से यथासंभव कम बाहर रहने की सलाह दी है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, भारतीय उच्चायोग ने यह सलाह बांग्लादेश सरकार द्वारा सभी सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालयों को बंद करने के फैसले के बाद जारी की है। खबर है कि गुरुवार को ढाका में कई जगहों पर छात्रों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं।
प्रदर्शनकारियों ने ब्रैक यूनिवर्सिटी के पास पुलिस के साथ हिंसक झड़प की, जिसमें कई लोग घायल हो गए। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिससे यातायात बाधित हुआ।
बांग्लादेश में यह विरोध प्रदर्शन देश की सिविल सेवा नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली में सुधार की मांग के कारण किया जा रहा है, जिसमें विशिष्ट समूहों के लिए पद आरक्षित हैं, जिनमें पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वालों के वंशज भी शामिल हैं।
दरअसल, बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के वंशजों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरी कोटा बहाल करने का फैसला सुनाया था। इसके बाद से हजारों छात्र इस कोटे का विरोध कर रहे हैं। उन्हें डर है कि अगर स्वतंत्रता संग्राम के दिग्गजों के परिवारों को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया तो वे अवसरों से वंचित हो जाएंगे।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, विरोध प्रदर्शन कथित पुलिस बर्बरता के खिलाफ शुरू हुआ और बाद में पिछले विरोध प्रदर्शनों में घायल या मारे गए लोगों के लिए न्याय, हिंसा मुक्त परिसर और कोटा प्रणाली में सुधार की मांग में बदल गया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग तथा चटगांव, सिलहट और खुलना स्थित भारतीय सहायक उच्चायोगों ने भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए 24 घंटे आपातकालीन संपर्क नंबर स्थापित किए हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर सहायता प्राप्त की जा सके।