IIT Madras की एनाटॉमी लैब को पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन से मिला 16.5 करोड़ रुपये का फंड

Santosh Kumar | August 19, 2024 | 04:05 PM IST | 2 mins read

आईआईटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटि ने कहा कि ऐसी अत्याधुनिक सुविधाओं का देश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

आईआईटी मद्रास के डीन प्रोफेसर महेश पंचाग्नुला ने पीएफसी को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। (इमेज-आधिकारिक)
आईआईटी मद्रास के डीन प्रोफेसर महेश पंचाग्नुला ने पीएफसी को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। (इमेज-आधिकारिक)

नई दिल्ली: पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) में एक नई और अत्याधुनिक एनाटॉमी प्रयोगशाला के लिए 16.5 करोड़ रुपये की सीएसआर फंडिंग प्रदान की है। यह प्रयोगशाला चिकित्सा विज्ञान और इंजीनियरिंग में बीएस डिग्री प्रोग्राम के छात्रों के लिए सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में मदद करेगी। पीएफसी के इस कदम से छात्रों को उन्नत और आधुनिक शैक्षणिक संसाधनों का लाभ मिल सकेगा।

आईआईटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटी ने कहा कि इस तरह की अत्याधुनिक सुविधाओं का देश पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, "यह विश्व स्तरीय एनाटॉमी लैब संस्थान में चिकित्सा शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम है।"

उन्होंने आगे कहा, "उन्नत प्रौद्योगिकी को चिकित्सा विज्ञान के साथ जोड़कर, हम नवाचार के लिए एक अनूठा मंच तैयार कर रहे हैं जो भविष्य की स्वास्थ्य सेवा को आगे बढ़ाएगा।" पीएफसी द्वारा समर्थित एनाटॉमी प्रयोगशाला की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं-

अत्याधुनिक सुविधा: यह प्रयोगशाला विशेष रूप से चिकित्सा विज्ञान और इंजीनियरिंग में बीएस डिग्री कार्यक्रम के लिए डिजाइन की गई है, जहां प्रौद्योगिकी का उपयोग करके प्रभावी शिक्षण और सीखने को बढ़ावा दिया जाएगा। यह सुविधा स्नातक चिकित्सा शिक्षा में उच्च तकनीक विधियों को शामिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

भारत में पहली: आईआईटी मद्रास ने नई ड्राई एनाटॉमी लैब स्थापित की है, जो मेडिकल कॉलेज के मानकों को पूरा करती है। यह लैब छात्रों को एनाटॉमी में व्यावहारिक अनुभव देने के लिए अनूठा शिक्षण वातावरण प्रदान करेगी। इस लैब के जरिए छात्रों को नया और बेहतर अनुभव मिलेगा।

नवाचार को बढ़ावा देना: इस सुविधा के स्थापित होने से छात्रों को नए और क्रांतिकारी उत्पाद विचार उत्पन्न करने की प्रेरणा मिलेगी। इस प्रयोगशाला के जरिए स्वदेशी उत्पादों के विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश की आयात पर निर्भरता कम होगी और चिकित्सा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।

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आईआईटी मद्रास के डीन प्रोफेसर महेश पंचाग्नुला ने पीएफसी को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह सुविधा चिकित्सा विज्ञान और इंजीनियरिंग के छात्रों को सीखने का माहौल देगी। यह आधुनिक बुनियादी ढांचा नई चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देगा, जिससे समाज को फायदा होगा।

आईआईटी मद्रास में फरवरी 2023 में चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की स्थापना की गई थी। इस विभाग का उद्देश्य ऐसा मंच तैयार करना है, जहां इंजीनियरिंग टीमें और चिकित्सा पेशेवर मिलकर ऐसे उत्पाद विकसित करें जो रोगियों की जरूरतों को ध्यान में रखें। इस नए दृष्टिकोण से ऐसी तकनीकों का निर्माण हो सकता है, जो स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद करेंगी।

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