IIT Kanpur CDAP: आईआईटी कानपुर के सीडीएपी ने स्कूली बच्चों के लिए विजन स्क्रीनिंग कार्यक्रम शुरू किया

इस कार्यक्रम में सी.डी.ए.पी. समन्वयक प्रो. अनुभा गोयल, सी.डी.ए.पी. सदस्य प्रो. आशुतोष मोदी और केन्द्रीय विद्यालय आई.आई.टी. कानपुर के प्राचार्य रवीश चंद्र पांडे सहित प्रमुख संस्थागत हस्तियों ने भाग लिया।

विजन स्क्रीनिंग प्रक्रिया में PEEK Acuity का उपयोग किया गया, जो एक चिकित्सकीय रूप से मान्य मोबाइल एप्लिकेशन है।
विजन स्क्रीनिंग प्रक्रिया में PEEK Acuity का उपयोग किया गया, जो एक चिकित्सकीय रूप से मान्य मोबाइल एप्लिकेशन है।

Saurabh Pandey | February 13, 2025 | 05:58 PM IST

नई दिल्ली : आईआईटी कानपुर के सेंटर फॉर डिफरेंटली एबल्ड पर्सन (सीडीएपी) ने स्कूली छात्रों के लिए विजन स्क्रीनिंग कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत 5-15 वर्ष की आयु के बच्चों को लक्षित कर विजन संबंधी समस्याओं का जल्द पता लगाने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञता और नवीन तकनीक को एकीकृत किया है।

केंद्रीय विद्यालय आईआईटी कानपुर में आयोजित उद्घाटन स्क्रीनिंग कार्यक्रम में अग्रणी मोबाइल प्रौद्योगिकी और प्रोफेशनल चिकित्सा विशेषज्ञता का उपयोग करके 108 छात्रों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इस पहल का नेतृत्व प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विनीत कुमार ने राजेश सानल और अग्निव कुमार के सहयोग से किया।

आईआईटी कानपुर की सीडीएपी समन्वयक प्रो. अनुभा गोयल ने कहा कि यह विजन स्क्रीनिंग पहल समावेशी शिक्षा और समग्र छात्र कल्याण के हमारे मिशन में एक महत्वपूर्ण कदम है। मेडिकल स्पेशलाइजेशन के साथ-साथ मोबाइल प्रौद्योगिकी समाधानों को क्रियान्वित करके हम विजन स्क्रीनिंग को अधिक सुलभ बना रहे हैं।

विजन स्क्रीनिंग में पीईईके एक्यूटी ऐप का उपयोग

स्क्रीनिंग प्रक्रिया में PEEK Acuity का उपयोग किया गया, जो एक चिकित्सकीय रूप से मान्य मोबाइल एप्लिकेशन है, जो स्मार्टफोन प्रौद्योगिकी के माध्यम से विजन स्क्रीनिंग में बदलाव लाता है। दो-चरणीय मूल्यांकन में पीईईके एक्यूटी ऐप का उपयोग करके प्रारंभिक स्क्रीनिंग शामिल थी, जिसके बाद रामा मेडिकल कॉलेज, कानपुर के ऑप्टोमेट्रिस्ट द्वारा रिफ्रैक्शन टेस्ट किए गए।

जरूरतमंद बच्चों को चश्मे मुहैया कराए गए

इस विजन स्क्रीनिंग पहल के दौरान डॉ. विनीत कुमार, जो कि नेत्र रोग विशेषज्ञ और ध्वनि सृष्टि फाउंडेशन के ट्रस्टी हैं, उन्होंने कर्नाटक में अपने प्रोजेक्ट विजन पहल से सफलता की कहानियां साझा कीं, जिसके तहत 240,000 से ज़्यादा बच्चों की जांच की गई और 12,000 से ज्यादा जरूरतमंद बच्चों को चश्मे मुहैया कराए गए। सत्र के दौरान उन्होंने डिजिटल युग में आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के बारे में बहुमूल्य जानकारी भी दी, जिसमें बाहरी गतिविधियों और उचित नेत्र देखभाल प्रथाओं के महत्व पर जोर दिया गया।

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इस कार्यक्रम में सी.डी.ए.पी. समन्वयक प्रो. अनुभा गोयल, सी.डी.ए.पी. सदस्य प्रो. आशुतोष मोदी और केन्द्रीय विद्यालय आई.आई.टी. कानपुर के प्राचार्य रवीश चंद्र पांडे सहित प्रमुख संस्थागत हस्तियों ने भाग लिया।

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