IIT Jodhpur: आईआईटी जोधपुर के शोधकर्ताओं ने जमीन, हवा और पानी में चलने वाले हाइब्रिड वाहन का प्रोटोटाइप बनाया

Abhay Pratap Singh | March 14, 2024 | 08:07 PM IST | 2 mins read

हाइब्रिड वाहन का प्रोटोटाइप हवा से पानी के अंदर गोता लगाना, पानी के अंदर से हवा में उड़ान भरना और हवा से पानी की सतह पर उतरना समेत 6 तरह से प्रदर्शन करने में सक्षम है।

असिस्टेंट प्रोफेसर जयंत कुमार ने कहा कि हम अपना स्वदेशी उत्पाद विकसित करना चाहते हैं।

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर (आईआईटी जोधपुर) के शोधकर्ताओं ने हाइब्रिड मानव रहित हवा और पानी के नीचे चलने वाले वाहन के लिए एक मजबूत नियंत्रण प्रणाली और डिजाइन तैयार की है। टीम ने इस प्रणाली को पक्षी एन्हिंगास की एक प्रजाति से प्रेरित होकर विकसित किया है, जो जमीन और पानी के नीचे चलने में सक्षम है।

अनुसंधान टीम ने जमीन, हवा और पानी में चलने वाले हाइब्रिड वाहन का विभिन्न कम्पोनेंट और वॉटरप्रूफिंग की मदद से एक 3डी-प्रिंटेड प्रोटोटाइप बनाया है। रिमोट कंट्रोल ट्रांसमिशन का उपयोग करके हवा, पानी की सतह और पानी के नीचे प्रदर्शन के लिए प्रोटोटाइप का परीक्षण भी किया गया है ।

इस कार्य पर प्रकाश डालने वाला पेपर आईआईटी जोधपुर के प्रोफेसर जयंत कुमार मोहंता और उनके शोधार्थी जय खत्री, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर संदीप गुप्ता और आईआईटी पलक्कड़ के प्रोफेसर संतकुमार मोहन द्वारा तैयार किया गया था। इसे AIR '23: रोबोटिक्स में प्रगति 2023 के छठें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पेश भी किया गया था।

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आईआईटी जोधपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफ्रेसर जयंत कुमार मोहंता ने कहा कि, "यह प्रोटोटाइप सतह पर एक जहाज की तरह चल सकता है, हवा में उड़ सकता है और पानी में डूबे होने पर भी नेविगेट कर सकता है। इसकी उड़ान का समय 15 मिनट है और यह 8 घंटे तक पानी के भीतर रह सकता है। पिछले कुछ वर्षों में इस विषय में रुचि बढ़ रही है, लेकिन यह तकनीक फिलहाल अमेरिका और चीन जैसे बहुत कम देशों के पास है।"

सहायक प्रोफेसर जयंत ने आगे कहा कि, "शोधकर्ताओं ने एक मजबूत बैकस्टेपिंग नियंत्रण का प्रस्ताव दिया है, जिससे रोबोट बाधाओं और गड़बड़ी के बावजूद भी स्वतंत्र रूप से आगे बढ़े और अपनी स्थिरता सुनिश्चित कर सके। परीक्षणों से पता चला है कि बैकस्टेपिंग नियंत्रण में बदलाव के समय यह और भी बेहतर प्रदर्शन करता है। उन्होंने आगे कहा कि हम अपना स्वदेशी उत्पाद विकसित करना चाहते हैं।"

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