आईआईएम संबलपुर के निदेशक ने कहा कि एआई शिक्षकों को शोध के लिए अधिक समय देगा, जिससे बी-स्कूलों की वैश्विक रैंकिंग में सुधार होगा।
Santosh Kumar | February 4, 2025 | 05:28 PM IST
नई दिल्ली: केंद्रीय बजट में 500 करोड़ रुपये के एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) निवेश की घोषणा के बाद, आईआईएम संबलपुर ने लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम में एआई की शुरुआत की है। संस्थान ने प्रौद्योगिकी को एकीकृत करके भारत में प्रबंधन शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए ब्रेकआउट लर्निंग इंक के साथ साझेदारी की है। आईआईएम संबलपुर के निदेशक प्रो. महादेव जायसवाल ने कहा कि यह साझेदारी भारतीय प्रबंधन शिक्षा में बड़ा बदलाव लाएगी।
उन्होंने कहा कि एआई शिक्षकों को शोध के लिए अधिक समय देगा, जिससे भारतीय बी-स्कूलों की वैश्विक रैंकिंग में सुधार हो सकता है। हार्वर्ड के बाद आईआईएम संबलपुर एआई-संचालित शिक्षण प्रबंधन प्रणाली अपनाने वाला पहला भारतीय संस्थान बन गया है।
इस सहयोग के तहत, एमबीए, एग्जीक्यूटिव एमबीए और पीएचडी कार्यक्रम अब एआई-समर्थित केस स्टडी का उपयोग करेंगे, जिससे छात्रों को अधिक प्रभावी ढंग से सीखने और निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने में मदद मिलेगी।
Also readIIM Sambalpur: आईआईएम संबलपुर में ‘अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन परिप्रेक्ष्य सम्मेलन 2025’ आयोजित
ब्रेकआउट लर्निंग, यूएसए के सीईओ और सह-संस्थापक, रमित वर्मा ने कहा, "आईआईएम संबलपुर भारत में परिवर्तनकारी बदलाव लाने वाला पहला संस्थान है और यह हार्वर्ड विश्वविद्यालय के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है।"
उन्होंने कहा कि एआई छात्रों को गहराई से सोचने, बातचीत करने, चर्चा करने, विश्लेषण करने और नवाचार करने के लिए प्रेरित करेगा। ब्रेकआउट लर्निंग का एआई-संचालित प्लेटफॉर्म आईआईएम संबलपुर के पाठ्यक्रम में सहज रूप से एकीकृत किया जाएगा।
विद्यार्थियों को छोटे-छोटे समूहों में विभाजित कर चर्चा आधारित शिक्षण कराया जाएगा, ताकि वे गहराई से सोच सकें और सही निर्णय ले सकें। संकाय सदस्यों के पास अध्यापन के साथ अनुसंधान और नए केस अध्ययन तैयार करने के लिए भी अधिक समय होगा।