मास्टर्स इन भगवद गीता स्टडीज को प्रोफेसर देवेश कुमार मिश्रा ने डिजाइन और विकसित किया है। फिलहाल यह कोर्स सिर्फ हिंदी माध्यम में है।
Santosh Kumar | July 2, 2024 | 06:18 PM IST
नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने पहली बार श्रीमद्भगवद्गीता पर मास्टर डिग्री कोर्स शुरू किया है। यह कोर्स इग्नू जुलाई सत्र 2024 से ओडीएल मोड में छात्रों के लिए उपलब्ध होगा। इग्नू द्वारा शुरू किए गए इस नए कोर्स का नाम मास्टर्स इन भगवद गीता स्टडीज है। एमए भगवद गीता अध्ययन (एमएबीजीएस) पाठ्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी इग्नू की वेबसाइट ignou.ac.in पर उपलब्ध है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने भारतीय ज्ञान परंपरा और भारतीय दर्शन को बढ़ावा देने के लिए "भगवद गीता अध्ययन में एम.ए" पाठ्यक्रम शुरू किया है। इस पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को भगवद गीता, धर्म, कर्म, यज्ञ, संयम, श्रद्धा, मोक्ष संन्यास योग, गीता परंपरा और इसके व्यावहारिक अध्ययन के बारे में सिखाना है।
मास्टर्स इन भगवद गीता स्टडीज को प्रोफेसर देवेश कुमार मिश्रा ने डिजाइन और विकसित किया है। इसके साथ ही उन्हें इस कोर्स का समन्वयक भी बनाया गया है। फिलहाल यह कोर्स सिर्फ हिंदी माध्यम में है। भविष्य में इस कोर्स को अंग्रेजी भाषा में भी शुरू करने की योजना है।
इस कोर्स को करने के लिए छात्रों के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री या उच्च डिग्री होनी चाहिए। इस कोर्स की अवधि न्यूनतम 2 वर्ष और अधिकतम 4 वर्ष होगी। इस कोर्स की कुल फीस 12600 रुपये (प्रति वर्ष 6300 रुपये) है।
भगवद गीता कोर्स के लिए अध्ययन सामग्री प्रिंट और डिजिटल दोनों रूपों में उपलब्ध होगी। इग्नू के एमए भगवद्गीता कोर्स में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन इग्नू की वेबसाइट पर जाकर किया जा सकता है। यह प्रोग्राम कुल 80 क्रेडिट का है।
अगर पात्र शिक्षकों ने अभी तक राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए आवेदन नहीं किया है तो वे मंत्रालय के पोर्टल nationalawardstoteachers.education.gov.in के जरिए इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
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