शिक्षा मंत्रालय ने एफटीआईआई पुणे, सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान को दिया यूनिवर्सिटी का दर्जा
Santosh Kumar | April 23, 2025 | 09:44 PM IST | 1 min read
एमओई के अधिकारी ने बताया कि एफटीआईआई पुणे और एसआरएफटीआई कोलकाता को अब 'डीम्ड यूनिवर्सिटी' का दर्जा दिया गया है।
नई दिल्ली: भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई), पुणे और सत्यजीत रे फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एसआरएफटीआई), कोलकाता - को मानद विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी। इस नए दर्जे से संस्थानों को डिप्लोमा के बजाय डिग्री प्रदान करने तथा डॉक्टरेट कार्यक्रम की पेशकश करने का अधिकार होगा।
एमओई के अधिकारी ने बताया कि एफटीआईआई पुणे और एसआरएफटीआई कोलकाता को अब 'डीम्ड यूनिवर्सिटी' का दर्जा दिया गया है। यूजीसी की सिफारिश के बाद यह दर्जा दिया गया और अब इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी गई है।
संस्थान शुरू कर सकेंगे नए पाठ्यक्रम
अधिकारी ने बताया कि अब ये दोनों संस्थान पीएचडी, शोध और नए पाठ्यक्रम शुरू कर सकेंगे। वे एनआईआरएफ रैंकिंग में भाग लेंगे और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) में शामिल होंगे। यह फैसला एनईपी 2020 के तहत लिया गया है।
फिल्म और मीडिया की पढ़ाई को अब और अधिक स्वतंत्रता, नए विचार और बेहतर गुणवत्ता मिलेगी। FTII की शुरुआत 1960 में पुणे के पुराने प्रभात स्टूडियो में हुई थी। यह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन काम करने वाला एक विभाग था।
MOE: शिक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी
1971 में, एफटीआईआई को 'भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान' के रूप में जाना जाने लगा और जल्द ही इसने भारत के सार्वजनिक प्रसारक दूरदर्शन के लिए इन-सर्विस प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया।
टीवी प्रशिक्षण विंग, जो पहले दिल्ली में स्थित था, 1974 में पुणे में स्थानांतरित हो गया। इसके बाद, संस्थान को सरकार से पूर्ण वित्त पोषण मिलना शुरू हो गया। कोलकाता में सत्यजीत रे फिल्म और टेलीविजन संस्थान सिनेमा अध्ययन के लिए एक और प्रमुख केंद्र है।
भारत सरकार ने 1995 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त शैक्षणिक संस्थान के रूप में इसकी स्थापना की थी। शिक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक एक्स हैंडल (@EduMinOfIndia) पर पोस्ट करके जानकारी साझा की।
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