रोड्स स्कॉलरशिप 2026 शैक्षणिक सत्र के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया 3 जून को शुरू है और अभ्यर्थी 23 जुलाई, 2025 तक आवेदन कर सकते हैं।
Press Trust of India | June 8, 2025 | 04:56 PM IST
नई दिल्ली: ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करने वाले रोड्स स्कॉलरशिप ट्रस्ट ने 2028 से भारतीयों के लिए छात्रवृत्तियों की संख्या को देश की जनसंख्या के अनुरूप बढ़ाने की योजना बनाई है। यह जानकारी ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सर रिचर्ड ट्रेनर ने दी।
अगले साल से शुरू हो रहे शैक्षणिक सत्र के लिए आवेदनों की घोषणा से पहले, भारत आए ट्रेनर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में बताया कि वर्तमान में भारतीय अभ्यर्थियों को सालाना छह छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं।
ट्रेनर ने कहा, ‘‘अब प्राथमिकता उन स्थानों के लिए कुछ अतिरिक्त छात्रवृत्तियां प्रदान करने की है, जहां जनसंख्या के अनुपात में विद्वानों की संख्या अधिक हो सकती है और भारत उन देशों में से एक है। इसलिए, हमारे पास भारत के लिए प्रति वर्ष छह छात्रवृत्तियां हैं, जो अच्छी बात है, लेकिन जैसा कि आप जानते हैं, इस देश में डेढ़ अरब लोग हैं, इसलिए अधिक छात्रवृत्तियां होनी चाहिए।’’
रोड्स हाउस के अंतरिम ‘वॉर्डन’ ने कहा, ‘‘हम अतिरिक्त छात्रवृत्तियों के लिए धन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि ट्रस्ट को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की फीस का भुगतान करने तथा छात्रों के जीवन-यापन के व्यय का भुगतान करने के लिए निधि में धन की आवश्यकता है।’’
ट्रेनर ने कहा, ‘‘हम छात्रवृत्ति योजना की 125वीं वर्षगांठ, जो कि 2028 है, तक इन तीनों क्षेत्रों में कुछ अतिरिक्त विद्वानों को शामिल करना चाहेंगे। हम अभी से लेकर 125वीं वर्षगांठ तक धन जुटाने पर बड़ा जोर देने जा रहे हैं।’’ ट्रेनर स्वयं 1970 में रोड्स छात्रवृत्ति के लाभार्थी हैं।
उन्होंने कहा कि लोग अक्सर रोड्स छात्रवृत्ति से अपने जीवन में आए बदलाव के बारे में बताते हैं। रोड्स छात्रवृत्ति उन प्रतिभाशाली छात्रों को दी जाती है, जिन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दो से तीन साल की पढ़ाई करनी होती है। 18-23 वर्ष (विशेष परिस्थितियों में 27 वर्ष तक) के छात्र आवेदन करने के पात्र हैं।
रोड्स छात्रवृत्ति विश्व की सबसे प्रतिष्ठित और सबसे पुरानी स्नातक पाठ्यक्रम के लिए दी जाने वाले छात्रवृत्तियों में से एक है, जिसकी स्थापना 1903 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में की गई थी। अगले साल के शैक्षणिक सत्र के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया तीन जून को शुरू हुई और अभ्यर्थी 23 जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं।
छात्रवृत्ति की संख्या बढ़ाने के लिए चीन और अफ्रीका जैसे अन्य देश भी प्राथमिकता में हैं। वर्तमान में चीन से 4 और अफ्रीका से 21 अभ्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाती है। इस छात्रवृत्ति के प्रमुख भारतीय लाभार्थियों में अर्थशास्त्री मोंटेक सिंह अहलूवालिया, लेखक गिरीश कर्नार्ड, पर्यावरण कानून विशेषज्ञ लावण्या राजमणि, राजनीतिक टिप्पणीकार और चुनाव विश्लेषक महेश रंगराजन और ओलंपियन रंजीत भाटिया शामिल हैं।