DUSU Elections: वामपंथी समूह आइसा, एसएफआई गठबंधन कर लड़ेंगे डूसू चुनाव, 27 सितंबर को मतदान

Santosh Kumar | September 16, 2024 | 07:59 PM IST | 1 min read

वामपंथी समूहों ने कहा कि वे फीस वृद्धि, छात्रावास सुविधाओं और सुलभ शिक्षा जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक साझा घोषणापत्र जारी करेंगे।

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव 27 सितंबर को होंगे और अगले दिन नतीजे घोषित किए जाएंगे। (इमेज-X/@SfiDelhi)

नई दिल्ली: वामपंथी छात्र समूहों आइसा और एसएफआई ने सोमवार (16 सितंबर) को घोषणा की कि वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव संयुक्त रूप से लड़ेंगे। यह खबर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए साझा की गई। कहा गया कि यह गठबंधन सत्तारूढ़ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को चुनौती देने के लिए बनाया गया है।

सीपीआई (एम) से संबद्ध स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) ने चुनावों में सत्तारूढ़ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को चुनौती देने के लिए एक संयुक्त वाम एकता पैनल बनाने की योजना का खुलासा किया है।

वामपंथी समूहों ने कहा कि वे फीस वृद्धि, छात्रावास सुविधाओं और सुलभ शिक्षा जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक साझा घोषणापत्र जारी करेंगे। उन्होंने कहा, "भाजपा की नफरत और पूंजीवाद की राजनीति के खिलाफ, हमारा उद्देश्य डीयू में शैक्षणिक और छात्र समस्याओं को हल करने के लिए एक समान मॉडल बनाना है।"

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समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, आइसा की दिल्ली सचिव नेहा ने कहा, "आइसा और एसएफआई ने इन चुनावों के लिए एक साथ काम करने का फैसला किया है, जो धन और बाहुबल की राजनीति के खिलाफ एक एकीकृत पैनल और एजेंडा पेश करेगा।"

आइसा अध्यक्ष नेहा ने आगे कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि आइसा अध्यक्ष और सहायक अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ेगी, जबकि एसएफआई सचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए चुनाव लड़ेगी।

एसएफआई दिल्ली सचिव आइशी घोष ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव 27 सितंबर को होंगे और अगले दिन नतीजे घोषित किए जाएंगे। इस बीच, विश्वविद्यालय ने कॉलेजों को सुरक्षा बढ़ाने की सलाह दी है। कॉलेज पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।

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