DU Ramanujan College News: रामानुजन कॉलेज प्रिंसिपल उत्पीड़न के आरोप में निलंबित, संकाय सदस्यों ने की शिकायत

Santosh Kumar | September 22, 2025 | 10:55 AM IST | 2 mins read

प्रिंसिपल को 18 सितंबर को निलंबित कर दिया गया। प्रिंसिपल ने कहा कि संकाय सदस्य ने उन्हें फंसाने और बदले की कार्रवाई के तौर पर शिकायत दर्ज कराई है।

रामानुजन कॉलेज के निलंबित प्रिंसिपल ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया है। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के रामानुजन कॉलेज के प्रिंसिपल को कम से कम दो महिला संकाय सदस्यों द्वारा उत्पीड़न का औपचारिक आरोप लगाने के बाद निलंबित कर दिया गया है। शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों की भागीदारी में एक संस्थागत जांच शुरू की गई है। हालांकि, निलंबित प्रिंसिपल ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया है।

निलंबित प्रिंसिपल ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को "झूठा, मनगढ़ंत, राजनीति से प्रेरित और निराधार" बताया। विश्वविद्यालय की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई। संकाय सदस्य द्वारा लगाए गए आरोपों में उत्पीड़न और कदाचार शामिल हैं।

प्रिंसिपल को 18 सितंबर को निलंबित कर दिया गया। प्रिंसिपल ने कहा कि संकाय सदस्य ने उन्हें फंसाने और बदले की कार्रवाई के तौर पर शिकायत दर्ज कराई है। विश्वविद्यालय ने आरोपों की जांच के लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन किया था।

DU Ramanujan College: प्रिंसिपल ने आरोपों से किया इनकार

प्रधानमंत्री कार्यालय के शिकायत प्रकोष्ठ और कुलपति को लिखे पत्र में प्रिंसिपल रसाल सिंह ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि यह "पदोन्नति से संबंधित एक मुद्दे को साजिश के तहत यौन उत्पीड़न के मामले में बदलने का प्रयास है।"

डीयू के कुलपति योगेश सिंह ने कहा कि निलंबन के लिए उनकी अनुमति मांगी गई थी। उन्होंने बताया कि शिकायतों की जांच के लिए एक समिति बनाई गई थी। इसके बाद एक तीन-सदस्यीय पैनल ने जांच की और कुछ आरोप सही पाए।

उन्होंने आगे कहा कि निलंबन अस्थायी है, ताकि जांच निष्पक्ष रूप से हो सके और व्यक्ति प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करे। प्रिंसिपल सिंह ने कहा कि इस मामले ने उन्हें मानसिक, भावनात्मक और पेशेवर रूप से बेहद मुश्किल स्थिति में डाल दिया है।

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DU Ramanujan College: पीएमओ को लिखे पत्र में क्या कहा?

पीएमओ को लिखे पत्र में, प्रिंसिपल ने कहा कि उन पर पदोन्नति देने का दबाव बनाया गया, अन्यथा उन्हें "यौन उत्पीड़न के मामले में फंसाने की धमकी" दी गई। उन्होंने दावा किया आरोपों को शुरू में आंतरिक शिकायत समिति के पास नहीं भेजा गया।

प्रिंसिपल ने कहा, "मैंने किसी के साथ यौन या अन्य किसी भी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया है।" उन्होंने अनुरोध किया कि "मेरे खिलाफ लगाए गए षड्यंत्रकारी, हेरफेर किए गए और निराधार आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया जाए।"

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