Press Trust of India | October 28, 2025 | 01:03 PM IST | 4 mins read
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड में पढ़ने वाली बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा ने आरोप लगाया कि तीन लोगों ने उस पर ‘तेजाब’ हमला किया था।

नई दिल्ली: दिल्ली में ‘तेजाब’ हमले का आरोप लगाने वाली कॉलेज छात्रा ने अपने पिता के कहने पर झूठ बोला था, क्योंकि उसका पिता अपने खिलाफ रेप की शिकायत का बदला लेना चाहता था। पुलिस ने बताया कि छात्रा के पिता अकील खान को ‘टॉयलेट क्लीनर’ से ‘तेजाब हमले’ की झूठी कहानी गढ़ने और उस व्यक्ति की पत्नी से रेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जिस पर उसकी बेटी ने अपने ऊपर ‘तेजाब’ फेंकने का आरोप लगाया था।
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड में पढ़ने वाली बीकॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा ने आरोप लगाया कि तीन लोगों ने उस पर ‘तेजाब’ हमला किया था। उसने तीनों व्यक्तियों का नाम बताया था, जिसमें छात्रा के पिता पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला के पति और उसके साथी इशान व अरमान (दोनों भाई) शामिल थे, बाद में पता चला कि दोनों भाई छात्रा के भी रिश्तेदार हैं।
पुलिस ने बताया कि छात्रा ने दावा किया था कि उस पर हमला उस वक्त हुआ था, जब वह अतिरिक्त कक्षा में शामिल होने जा रही थी। हालांकि, उसके दावे के जवाब में जल्द कई आरोप सामने आए, जिनमें से एक में ‘‘पीड़िता’’ के पिता पर रेप का आरोप लगाया गया था। पुलिस को पहले छात्रा के बयान और अपराध के समय आरोपी व्यक्ति की ‘लोकेशन’ के संबंध में विसंगतियां मिली थीं।
पुलिस ने एक बयान में कहा कि आरोपी व्यक्ति की पत्नी ने पहले कथित पीड़िता के पिता अकील खान पर रेप का आरोप लगाया था। मामले की रिपोर्ट भलस्वा डेयरी थाने में दर्ज कराई गई थी, लेकिन कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं की गई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि 2021 से 2024 के बीच वह अकील खान की मोजे की फैक्टरी में काम करती थी, जहां खान ने उसका यौन उत्पीड़न किया और उसकी निजी तस्वीरों और वीडियो के जरिए उसे ब्लैकमेल किया।
पुलिस के मुताबिक, महिला ने 24 और 25 अक्टूबर को पीसीआर (पुलिस नियंत्रण कक्ष) में फोन किया, लेकिन लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई। एक अधिकारी के अनुसार, आरोप के आधार पर पुलिस ने खान से पूछताछ की, जिसमें उसने खुलासा किया कि उसने ‘तेजाब’ हमले की झूठी कहानी गढ़ी थी और जिस तरल पदार्थ का इस्तेमाल किया गया था, वह साधारण ‘टॉयलेट क्लीनर’ था। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारी ने कहा, ‘‘उसने (छात्रा ने) ई-रिक्शा से उतरने के बाद कथित तौर पर अपने हाथ पर टॉयलेट क्लीनर लगा लिया... और ध्यान आकर्षित करने के लिए चिल्लाई।’’ अधिकारी ने बताया कि महिला अपने घर से बैग में यह तरल पदार्थ लेकर गई थी। इससे पहले, जांच अधिकारियों ने इस बात पर सवाल उठाए थे कि छात्रा अपने गंतव्य से लगभग 300 मीटर दूर ई-रिक्शा से क्यों उतरी।
पुलिस ने कहा, ‘‘अशोक विहार तक वह अपने भाई के साथ स्कूटर पर थी। उसके बाद वह कॉलेज के लिए ई-रिक्शा लेकर गई, लेकिन कॉलेज के मुख्य द्वार से 300 मीटर पहले ही उतर गई।’’ इसके अलावा, जांच के दौरान पाया गया कि घटना के समय आरोपी व्यक्ति की ‘लोकेशन’ करोल बाग में थी, जो अपराध स्थल से लगभग पांच किलोमीटर दूर है। अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है कि अपराध में जिस मोटरसाइकिल के शामिल होने का आरोप लगाया गया था, वह भी करोल बाग में ही थी।
पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए आरोपी व्यक्ति ने कहा कि घटना के समय वह उस इलाके में मौजूद नहीं था। पुलिस के अनुसार, घटनास्थल पर तेजाब के कोई निशान नहीं मिले, न ही अपराध स्थल के सीसीटीवी फुटेज में कथित हमलावरों की कोई झलक दिखी।
पुलिस ने बताया कि फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की टीम को इलाके में तेजाब की कोई भी बोतल फेंकी हुई नहीं मिली। उसने बताया कि छात्रा के दूर के रिश्तेदार इशान और अरमान अपनी मां शबनम के साथ आगरा में हैं। पुलिस के मुताबिक, शबनम मंगोलपुरी में रहती है और उसके दोनों बेटे जल्द जांच में शामिल होंगे।
पुलिस के अनुसार, 2018 में शबनम ने भी अकील खान पर बलात्कार का आरोप लगाया था और वह मामला अब भी अदालत में विचाराधीन है। पुलिस ने बताया कि बाहरी दिल्ली के मंगोलपुरी में एक संपत्ति को लेकर दोनों परिवारों के बीच लंबे समय से विवाद है। शबनम ने खान पर तेजाब से हमला करने का भी आरोप लगाया था और मंगोलपुरी थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी। भाषा सुरभि पारुल पारुल
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि स्कूल प्रबंधन विद्यार्थियों को विशिष्ट दुकानों से नोटबुक, किताबें और पोशाक खरीदने के लिए मजबूर करते है, जिनकी कीमतें आमतौर पर सामान्य बाजार दरों से अधिक होती हैं।
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