DU: दिल्ली विश्वविद्यालय में पहली बार कार्यकारी परिषद और अकादमिक परिषद की संयुक्त बैठक आयोजित

डीयू की संयुक्त बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने एसपीएस समिति की रिपोर्ट में गहनता से सभी मुद्दों को समाहित करने पर इस रिपोर्ट की सराहना भी की।

कुलपति प्रो. योगेश सिंह की सिफारिश पर एक कमेटी का गठन किया गया है। (आधिकारिक वेबसाइट)

Saurabh Pandey | August 22, 2024 | 07:38 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय में पहली बार कार्यकारी परिषद (ईसी) और अकादमिक परिषद (एसी) की संयुक्त बैठक का आयोजन किया गया। डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता में काउंसिल हाल में आयोजित इस ऐतिहासिक सभा में दिल्ली विश्वविद्यालय के उन 12 कॉलेजों को लेकर प्रस्ताव पास किया गया, जिनके मामले में डीयू के दक्षिण दिल्ली परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह (एसपीएस) की अध्यक्षता में एक ईसी कमेटी गठित की थी।

इस समिति की रिपोर्ट को 27 जुलाई को आयोजित डीयू ईसी की 1270 वीं बैठक में सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया था। इस संयुक्त बैठक में समिति की रिपोर्ट को समूहिक रूप से स्वीकृत करते हुए इस रिपोर्ट के निष्कर्षों और सिफारिशों से दिल्ली सरकार को अवगत कराने का निर्णय लिया गया।

इसके साथ ही बैठक के एजेंडे में शामिल एक अन्य मुद्दे के अनुसार कॉलेज शिक्षकों द्वारा पीएचडी सुपरविजन के मामले में भी कुलपति प्रो. योगेश सिंह की सिफारिश पर एक कमेटी का गठन किया गया है।

डीयू की संयुक्त बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने एसपीएस समिति की रिपोर्ट में गहनता से सभी मुद्दों को समाहित करने पर इस रिपोर्ट की सराहना भी की। करीब साढ़े पांच घंटे चली इस संयुक्त बैठक में गहन विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया गया कि रिपोर्ट के बारे में दिल्ली सरकार को अवगत करवाते हुए इन 12 कॉलेजों की दिक्कतों को लेकर सुधार के लिए सरकार से तीन मुख्य बिन्दुओं को लेकर अनुरोध किया जाएगा।

कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने प्रस्ताव के बारे में दी जानकारी

डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने प्रस्ताव के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली सरकार से अनुरोध किया जाएगा कि दिल्ली विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानदंडों और प्रावधानों के अनुसार संबंधित कॉलेजों के शासी निकाय द्वारा सृजित पदों (शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों) को पूर्वव्यापी (ex-post facto approval) स्वीकृति प्रदान की जाए और इसमें तेजी लाई जाए। ये पद उच्च शिक्षा निदेशालय, दिल्ली सरकार की सहमति से पाठ्यक्रमों को चलाने के लिए सृजित किए गए थे।

दिल्ली सरकार से अनुरोध किया जाएगा कि संस्थान के शैक्षणिक मानकों को बनाए रखने के लिए सभी 12 कॉलेजों के संबंध में घाटे सहित निधियों (वेतन और वेतन के अलावा) को समय पर जारी करना सुनिश्चित किया जाए। विद्यार्थियों के व्यापक हित में इन कॉलेजों के भवनों और अन्य बुनियादी ढांचे की उचित मरम्मत और समय पर रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिये जाएं। इसके अलावा दोनों परिषदों की संयुक्त स्वीकृति से इन 12 संस्थानों के हित में उचित समझे जाने वाले किसी भी कदम को उठाने के लिए कुलपति को अधिकृत किया।

12 कॉलेजों को लेकर एसपीएस समिति की रिपोर्ट

12 कॉलेजों को लेकर गठित श्री प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार ये 12 कॉलेज निर्धारित मानदंडों के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय के घटक कॉलेज हैं और डीयू का अभिन्न अंग हैं। इनकी मान्यता रद्द नहीं की जा सकती। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों को लेकर एक दिसंबर, 2023 को दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री द्वारा केंद्रीय शिक्षा मंत्री को भेजे पत्र के माध्यम से लगाए गए आरोपों पर 15 दिसंबर को आयोजित हुई ईसी बैठक में जीरो आवर के दौरान गहन विचार विमर्श हुआ था।

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उस समय कुलपति प्रो. योगेश सिंह द्वारा इस मुद्दे पर एक ईसी कमेटी के गठन का सुझाव दिया गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। उसके बाद दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में गठित इस समिति में सदस्यों के रूप में डीयू ईसी के चांसलर नामित सदस्य प्रो. इंद्र मोहन कपाही, प्रॉक्टर प्रो. रजनी अब्बी, लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन की प्रिंसिपल प्रो. सुमन शर्मा, ईसी सदस्य मोनिका अरोड़ा, ईसी सदस्य राजपाल सिंह पवार, ईसी सदस्य अशोक अग्रवाल, ईसी सदस्य डॉ. एल.एस. चौधरी, ईसी सदस्य सुनील कुमार शर्मा और ईसी सदस्य सीमा दास को शामिल किया गया था।

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