Delhi School Education: फीस विनियमन पर दिल्ली सरकार के अध्यादेश से निजी स्कूलों को फायदा होगा - आप

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में 10 जून को मंत्रिमंडल ने दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 पर आधारित अध्यादेश को मंजूरी दे दी।

यह विधेयक स्कूलों से फीस संशोधन का प्रस्ताव करने के अधिकार को भी छीन लेने की शक्ति देता है।। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)
यह विधेयक स्कूलों से फीस संशोधन का प्रस्ताव करने के अधिकार को भी छीन लेने की शक्ति देता है।। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Press Trust of India | June 11, 2025 | 05:50 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार (11 जून, 2025) को आरोप लगाया कि फीस वृद्धि को नियंत्रित करने संबंधी दिल्ली सरकार का अध्यादेश निजी स्कूलों के पक्ष में है। दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 को आप ने अभिभावकों को मूर्ख बनाने का एक प्रयास बताया।

Delhi Fee Hike for Private Schools -

दिल्ली मंत्रिमंडल ने निजी स्कूलों में फीस संरचना को विनियमित करने के लिए मंगलवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी, जो मानदंडों का उल्लंघन करने की स्थिति में दिल्ली सरकार को ऐसे स्कूलों पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने और उनसे फीस संशोधन का प्रस्ताव करने के अधिकार को भी छीन लेने की शक्ति देता है।

Delhi School Education Ordinance, 2025 -

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 पर आधारित अध्यादेश को मंजूरी दे दी। अध्यादेश को उपराज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

आप की दिल्ली इकाई के संयोजक सौरभ भारद्वाज ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि निजी स्कूलों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार पिछले दरवाजे से अध्यादेश लेकर आई है।

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Delhi School Fee Hikes -

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार निजी स्कूलों के फायदे के लिए गुप्त रूप से अध्यादेश ले आई। दिल्ली के लगभग सभी निजी स्कूलों ने अपनी फीस बढ़ा दी। बच्चों के अभिभावकों को बढ़ी हुई फीस का भुगतान करना पड़ गया।’’

सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘‘अभी तक नियम यह था कि निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले शिक्षा निदेशालय से अनुमति लेनी होती थी, लेकिन इस बार स्कूलों ने ऐसे ही फीस बढ़ा दी। सरकार ने किसी भी स्कूल को बढ़ी हुई फीस वापस लेने का आदेश नहीं दिया और अब इन स्कूलों को बचाने के लिए अध्यादेश लाया जा रहा है।’’

Transparency in Fixation and Regulation of Fees -

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सरकार निजी स्कूलों के दबाव में है और यह अध्यादेश उनके लिए पारित किया गया है।’’ इन आरोपों पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। भारद्वाज ने कहा कि अध्यादेश में प्रस्ताव है कि स्कूल स्तर पर एक समिति होगी जो फीस वृद्धि पर निर्णय लेगी।

आगे कहा कि, ‘‘इसमें स्कूल के प्रतिनिधि और अभिभावक शामिल होंगे। अगर समिति की बैठक होती है और अभिभावक नहीं आते हैं या स्कूल उन्हें रोकने के लिए कोई तरीका अपनाता है, तो फीस वृद्धि पर स्कूल के प्रतिनिधियों द्वारा निर्णय लिया जाएगा।’’

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