Delhi Coaching Centre Deaths: दिल्ली कोचिंग हादसे में मृतक यूपीएससी छात्रों के नाम पर खोले जाएंगे पुस्तकालय

महापौर शैली ओबेरॉय ने कहा कि राजेंद्र नगर, मुखर्जी नगर, पटेल नगर और बेर सराय में मृतक छात्रों के नाम पर लाइब्रेरी का निर्माण किया जा सकता है।

दिल्ली मेयर शैली ओबेरॉय ने लाइब्रेरी खोलने का प्रस्ताव रखा है। (स्त्रोत-आधिकारिक 'एक्स'/शैली ओबेरॉय)

Press Trust of India | August 2, 2024 | 05:04 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की महापौर शैली ओबेरॉय ने पिछले महीने एक हादसे में मारे गए सिविल सेवा अभ्यर्थियों के नाम पर राजधानी दिल्ली में चार पुस्तकालय स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी है। हाल ही में, यूपीएसी की तैयारी करने वाले चार छात्रों की दिल्ली में मौत हुई थी।

दिल्ली के राजेंद्र नगर इलाके में 27 जुलाई को एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थी डूब गए थे, जबकि एक सप्ताह पहले मुखर्जी नगर में एक अन्य छात्र की करंट लगने से मौत हो गई थी।

महापौर ओबेरॉय द्वारा दिल्ली नगर निगम आयुक्त को लिखे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि इनका निर्माण ‘‘दिल्ली में चार स्थानों - राजेंद्र नगर, मुखर्जी नगर, पटेल नगर और बेर सराय में मृतक छात्रों के नाम पर एमसीडी द्वारा किया जा सकता है।’’

ये क्षेत्र सिविल सेवा और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग हब हैं और बड़ी संख्या में छात्र इन इलाकों में छात्रावासों और पीजी आवासों में रहते हैं।

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बृहस्पतिवार को एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार को लिखे पत्र में महापौर ने कहा कि राजेंद्र नगर में कुछ दिन पहले हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बहुत से छात्रों ने सार्वजनिक और सरकारी पुस्तकालयों की कमी का मुद्दा उठाया है।

शैली ने यह कहते हुए एमसीडी पुस्तकालयों की स्थापना का प्रस्ताव रखा कि छात्रों ने पुस्तकालयों की मांग उठाई है क्योंकि बहुत से छात्र निजी पुस्तकालयों द्वारा लिए जाने वाले भारी सदस्यता शुल्क का भुगतान नहीं कर सकते।

महापौर ने कहा, ‘‘इस कार्य के लिए बजट प्रावधान महापौर के विवेकाधीन लेखा मद से किया जा सकता है और आपसे अनुरोध है कि संबंधित विभाग को व्यवहार्यता की जांच करने और इस संबंध में क्षेत्रों में भूमि की पहचान करने और जल्द से जल्द आवश्यक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दें।’’

मामले की जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा कि जो नुकसान हुआ है, उसे कोई भी पूरा नहीं कर सकता लेकिन ‘‘हम छात्रों के लिए सार्वजनिक अध्ययन स्थलों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’’

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