CBSE CTET: सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में 9वीं से 12वीं में शिक्षक बनने के लिए सीटेट अनिवार्य, गाइडलाइंस जल्द

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) के लिए दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे।

एनसीटीई और सीबीएसई दोनों एक साथ मिलकर सीटेट दिशानिर्देश पर काम कर रहे हैं। (स्त्रोत-आधिकारिक वेबसाइट)

Abhay Pratap Singh | August 6, 2025 | 10:28 AM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्ध मान्यता प्राप्त स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्योलयों में कक्षा 9वीं से 12वीं में शिक्षक बनने के लिए केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) अनिवार्य कर दी गई है। सीबीएसई द्वारा जल्द ही कक्षा 9वीं-12वीं के लिए सीटेट एग्जाम गाइडलाइंस जारी की जाएंगी।

रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) के लिए दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) की ओर से इसे लेकर गाइडलाइंस तैयार किया जा रहा है। एनसीटीई और सीबीएसई दोनों एक साथ मिलकर इस पर काम कर रहे हैं।

सीटीईटी (सीबीएसई) के निदेशक जेके यादव ने कहा कि, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) में चार स्तरों पर परीक्षा कराने का निर्देश है। इसकी नीति एनसीटीई तैयार कर रही है। सीबीएसई उसी गाइडलाइंस के आधार पर परीक्षा आयोजित करेगी। गाइडलाइन मिलने के बाद चार स्तर पर परीक्षा आयोजित होगी, जो अगले साल से लागू होगा।”

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इससे पहले, सीटेट परीक्षा दो स्तरों कक्षा 1-5 और कक्षा 6-8 में शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों की पात्रता निर्धारित करने के लिए आयोजित की जाती थी। हालांकि, अब कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए भी यह परीक्षा आयोजित होगी। सीटीईटी परीक्षा एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है, जो सीबीएसई द्वारा आयोजित की जाती है।

एनसीईटी गाइडलाइन जारी होने के बाद चार स्तरों पर आयोजित होने वाली सीटेट परीक्षा में बाल वाटिका के लिए भी शिक्षकों की परीक्षा को शामिल किया गया है। बता दें, अभी तक कक्षा 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं में शिक्षक बनने के लिए बीएड और स्नातकोत्तर डिग्री की आवश्कता होती थी।

सीबीएसई स्कूलों में तय नियमों के अनुसार कुछ प्रतिशत शिक्षकों का केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है। जैसे, यदि किसी स्कूल में 20 शिक्षकों की जरूरत है, तो कम से कम 10 शिक्षक सीटेट पास होने चाहिए। बाकी 10 शिक्षकों से बीएड और पीजी जैसी शैक्षणिक योग्यताएं मांगी जाती हैं।

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