Children’s Day 2025: 1964 से पहले कब मनाया जाता था बाल दिवस; इसका पंडित नेहरू से क्या संबंध? जानें इतिहास

Santosh Kumar | November 14, 2025 | 08:16 AM IST | 1 min read

पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु 27 मई 1964 को हुई, जिसके तुरंत बाद संसद ने सर्वसम्मति से 14 नवंबर को बाल दिवस घोषित कर दिया।

इतिहास में 14 नवंबर की तारीख देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के तौर पर दर्ज है। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: इतिहास में 14 नवंबर की तारीख देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के तौर पर दर्ज है। इस दिन को ‘बाल दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है। "चाचा नेहरू" के नाम से प्रसिद्ध नेहरू बच्चों से इतना प्रेम करते थे कि उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में समर्पित कर दिया गया। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में 14 नवंबर 1889 को पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ।

प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू बच्चों के प्रति विशेष स्नेह रखते थे। 1964 तक, भारत में बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था। हालांकि, पंडित नेहरू के निधन के बाद, उनके जन्मदिन, 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।

पंडित नेहरू की मृत्यु 27 मई 1964 को हुई, जिसके तुरंत बाद संसद ने सर्वसम्मति से 14 नवंबर को बाल दिवस घोषित कर दिया। कई देशों में 1 जून को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। वहीं वर्ल्ड चिल्ड्रेन डे 20 नवंबर को मनाया जाता है।

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बच्चों और उनके कल्याण के प्रति नेहरू की चिंता के बारे में, एम.ओ. मथाई (नेहरू के निजी सचिव और विश्वासपात्र) ने अपनी पुस्तक माई डेज़ विद नेहरू (1979) में लिखा, “नेहरू ने उनके मासूम चेहरों और चमकती आंखों में भारत का भविष्य देखा।

कई स्कूल इस दिन शिक्षा के महत्व को उजागर करने के लिए विशेष सभाओं और जागरूकता अभियानों का भी आयोजन करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी।

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