CSJM University Kanpur: छात्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ने पीएचडी आवेदन की समय सीमा 25 सितंबर तक बढ़ाई
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में 168 सीटों और इससे संबद्ध कॉलेजों में 387 सीटों पर उम्मीदवारों को पीएचडी में प्रवेश दिया जाएगा।
Abhay Pratap Singh | September 24, 2024 | 07:40 AM IST
नई दिल्ली: छात्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर (उत्तर प्रदेश) ने पीएचडी कार्यक्रम के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 25 सितंबर तक बढ़ा दी है। इससे पहले, सीएसजेएमयू में पीएचडी प्रोग्राम के लिए आवेदन की आखिरी तिथि 19 सितंबर थी। छात्र विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट csjmu.ac.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
छात्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर (CSJM University Kanpur) की ओर से 50 विषयों में कुल 555 पीएचडी सीटों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। कानपुर विश्वविद्यालय के पीएचडी प्रोग्राम में प्रवेश के लिए देश भर के छात्र अंतिम तिथि या उससे पहले आवेदन फॉर्म भर सकते हैं।
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में 168 सीटों और इससे संबद्ध कॉलेजों में 387 सीटों पर उम्मीदवारों को पीएचडी में प्रवेश दिया जाएगा। विश्वविद्यालय में उपलब्ध पीएचडी सीटों में अंग्रेजी की 13 सीटें, भौतिकी की 12 सीटें, जीवन विज्ञान की 14 सीटें और पत्रकारिता की 8 सीटें शामिल हैं। अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
इसके अलावा, फिजियोथेरेपी की 2 सीटों, फार्मेसी की 7 सीटों, एजुकेशन की 10 सीटों, गणित की 11 सीटों, कंप्यूटर एप्लीकेशन की 11 सीटों, रसायन विज्ञान की 10 सीटों, जैव प्रौद्योगिकी की 8 सीटों और केमिकल इंजीनियरिंग की 8 सीटों पर पात्र उम्मीदवारों को पीएचडी में प्रवेश दिया जाएगा।
मानदंड के आधार पर अभ्यर्थियों का प्रवेश होगा, जिसमें 70 प्रतिशत वेटेज प्रवेश परीक्षा को तथा 30 प्रतिशत वेटेज साक्षात्कार/ मौखिक परीक्षा को दिया जाएगा। पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवार को सीएसजेएमयू एंट्रेंस टेस्ट में कम से कम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे। आरक्षित श्रेणी जैसे ओबीसी/एससी/एसटी के उम्मीदवारों को 5% की छूट दी जाएगी।
अधिसूचना के अनुसार, पीएचडी कार्यक्रम की अवधि तीन वर्ष होगी, जिसमें कोर्सवर्क और अधिकतम 6 वर्ष शामिल होंगे। यदि कोई छात्र अपनी पंजीकरण तिथि से छह वर्ष के भीतर अपनी थीसिस जमा करने में विफल रहता है, तो वह छात्र विवि का वास्तविक छात्र नहीं रह जाएगा और उसे नियमित छात्र को दिए जाने वाले अधिकार और सुविधाएं नहीं मिलेंगी। इसके अलावा, उसका पंजीकरण भी स्वतः ही रद्द हो जाएगा। महिलाओं और दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए दो वर्ष की छूट है।
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