बिहार बोर्ड 10वीं-12वीं की परीक्षाओं के संपन्न होने के बाद अब उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का काम शुरू कर दिया गया है। बीएसईबी की तरफ से इस बार बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट पहले से भी जल्दी जारी करने की उम्मीद जताई जा रही है।
Saurabh Pandey | February 24, 2024 | 07:33 PM IST
नई दिल्ली : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति या बीएसईबी की तरफ से बिहार बोर्ड मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं संपन्न कराई जा चुकी हैं। इंटरमीडिएट की परीक्षा 12 फरवरी को समाप्त हुई, जबकि मैट्रिक की परीक्षा 23 फरवरी को समाप्त हो गई। बोर्ड की तरफ से अब कॉपियों के मूल्यांकन का काम शुरू कर दिया गया है। बिहार बोर्ड की तरफ से हर बार सबसे पहले परीक्षा के नतीजे जारी किए जाते हैं।
बिहार बोर्ड मैट्रिक की परीक्षा 23 फरवरी को सिर्फ पहली पाली में सुबह 9:30 बजे से 12:45 बजे के बीच आयोजित की गई थी। इसमें व्यावसायिक ऐच्छिक विषय की परीक्षा-सुरक्षा, ब्यूटिशियन, टूरिज्म, रिटेल मैनेजमेंट,ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, ब्यूटी एंड वेलनेस,टेलीकॉम एंड आईटीआई,आई.टी.ज. ट्रेड सहित विभिन्न विषयों की परीक्षा आयोजित की गई।
बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2024 प्रदेश के 1585 परीक्षा केंद्रों पर 15 फरवरी को शुरू हुई थी, जो 23 फरवरी को सकुशल संपन्न कराई जा चुकी है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा राज्य के लगभग 16 लाख 94 हजार परीक्षार्थियों के लिए इस परीक्षा का आयोजन कराया गया था।
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बिहार मैट्रिक परीक्षा 2024 में राज्य के 1585 परीक्षा केंद्रों पर 16,94,781 परीक्षार्थी दोनों पालियों की परीक्षाओं में शामिल हुए। इनमें 8,22,587 छात्र, जबकि 8,72,194 छात्राओं ने परीक्षा में भाग लिया। पहली पाली में जहां कुल 4,38,967 छात्राएं शामिल हुईं, वहीं 4,11,604 छात्रों ने परीक्षा दी। इस तरह पहली पाली की परीक्षा में कुल 8,50,571 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी।
दूसरी पाली में 4,33,227 छात्राएं, जबकि 4,10,983 छात्र शामिल हुए। इस प्रकार दूसरी पाली की परीक्षा में कुल 8,44, 210 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी। बिहर बोर्ड की तरफ से सभी जिलों में 4 मॉडल परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इन परीक्षा केंद्रों में सिर्फ छात्राओं को परीक्षा देने की अनुमति थी। यहां सुरक्षाकर्मी भी महिलाएं ही थीं।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की तरफ से बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट की परीक्षाएं सभी संकायों विज्ञान, वाणिज्य, और कला के लिए प्रदेश के 1523 परीक्षा केंद्रों पर 1 फरवरी से 12 फरवरी के बीच आयोजित की गई थीं। बीएसईबी द्वारा राज्य के लगभग 13 लाख 4 हजार परीक्षार्थियों के लिए इस परीक्षा का आयोजन कराया गया था। प्रत्येक विद्यार्थी को एक विशेष पहचान देने के लिए समिति द्वारा परीक्षा में शामिल होने वाले हर परीक्षार्थी को एक यूनीक आईडी जारी की गई थी, जो एडमिट कार्ड पर अंकित थी।
बीएसईबी की तरफ से जारी गाइडलाइन के मुताबिक परीक्षा हॉल के अंदर मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, ईयरफोन, कैलकुलेटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लेकर जाने की सख्त मनाही थी। इलेक्ट्रॉनिक वॉच, स्मार्ट वॉच, पहनकर आना मना था। परीक्षार्थियों को सिर्फ सुई वाली घड़ी पहनकर आने की अनुमति दी गई थी। दोनों पालियों में परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने के 30 मिनट पहले तक ही अंदर आने की अनुमति दी गई थी। हर विद्यार्थी को प्री-प्रिंटेड उत्तर पुस्तिका एवं ओएमआर शीट उपलब्ध कराई गई थी। हर 500 विद्यार्थियों पर वीडियोग्राफी की व्यवस्था कराई गई थी। सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में परीक्षा संपन्न कराई गई। दो स्तर पर परीक्षार्थियों की तलाशी ली गई थी।
हर 25 परीक्षार्थी पर एक वीक्षक की नियुक्ति की गई थी। प्रश्नपत्र में 100 प्रतिशत अतिरिक्त प्रश्नों का विकल्प दिया गया था। प्रश्न पत्रों के 10 सेट थे। कंट्रोल रूम एवं व्हाटस्एप ग्रुप के जरिए परीक्षा के संचालन की निगरानी की गई। सभी जिलों में चार-चार मॉडल परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जहा परीक्षार्थी छात्राएं थीं। इन केंद्रों पर मजिस्ट्रेट, वीक्षक और सुरक्षाकर्मी भी महिलाएं ही थीं। परीक्षा संचालन के दौरान बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव आंनद किशोर द्वारा समय-समय पर परीक्षा केद्रों का औचक निरीक्षण भी किया गया।