BHU ने पीएचडी दाखिले को लेकर भ्रामक दावों का किया खंडन, कहा- योग्य अभ्यर्थी प्रवेश से नहीं रहेंगे वंचित

सत्र 2024-25 के लिए अब तक 429 अनारक्षित, 198 ओबीसी, 74 एससी, 27 एसटी और 63 ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को प्रवेश मिल चुका है।

विश्वविद्यालय स्पष्ट करता है कि योग्य और मेधावी छात्रों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

Santosh Kumar | March 29, 2025 | 10:56 PM IST

नई दिल्ली: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को लेकर स्पष्टीकरण दिया है। विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि किसी भी योग्य उम्मीदवार को प्रवेश से वंचित नहीं किया गया है। बीएचयू प्रशासन ने कहा कि कुछ लोग मनगढ़ंत और भ्रामक जानकारी फैलाकर संस्थान की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कहा जा रहा है कि एक अभ्यर्थी को इसलिए प्रवेश नहीं दिया गया क्योंकि वह आरक्षित श्रेणी से था। लेकिन विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि किसी भी योग्य अभ्यर्थी को प्रवेश देने से मना नहीं किया गया है।

कुल 3 सीटें थीं, 2 मुख्य विषय के लिए और 1 संबद्ध विषय के लिए। मुख्य विषय के अभ्यर्थियों का चयन उनकी योग्यता के आधार पर किया गया। इन 3 में से एक सीट अनारक्षित (सभी के लिए खुली) और दूसरी ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित थी।

BHU PHD Admission: प्रवेश हमेशा योग्यता के आधार पर

प्रवेश हमेशा मेरिट के आधार पर दिया जाता है, यानी जो सबसे योग्य होते हैं उन्हें सबसे पहले सीट मिलती है। यदि कोई अभ्यर्थी निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार मेरिट सूची में नहीं आता है, तो उसे उसकी श्रेणी, अंकों या किसी अन्य कारण से प्रवेश नहीं मिल सकता है।

विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि आरईटी छूट के कारण आरईटी श्रेणी में सीटों में परिवर्तन काउंसलिंग शुरू होने से पहले ही किया जा सकता है, उसके बाद नहीं। यह जानकारी पीएचडी सूचना बुलेटिन में पहले ही दे दी गई थी।

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BHU PHD Admission: 2024-25 के लिए श्रेणीवार कुल प्रवेश

बीएचयू के नियमों के अनुसार पीएचडी प्रवेश के लिए साक्षात्कार समितियों का गठन किया जाता है। साक्षात्कार समितियों में एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग से एक प्रतिनिधि सदस्य होता है ताकि सभी नियमों का ठीक से पालन किया जा सके।

सत्र 2024-25 के लिए अब तक 429 अनारक्षित, 198 ओबीसी, 74 एससी, 27 एसटी और 63 ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को प्रवेश मिल चुका है। सभी आरक्षण नियम भारत सरकार और बीएचयू के नियमों के अनुसार लागू किए गए हैं।

विश्वविद्यालय स्पष्ट करता है कि योग्य और मेधावी छात्रों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। बीएचयू अकादमिक उत्कृष्टता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और भ्रम या अविश्वास फैलाने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा।

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