BHU के शोधकर्ताओं ने देश के विभिन्न हिस्सों में साइनोबैक्टीरिया की 9 नई प्रजातियों की पहचान की

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने बताया है कि इस शोध कार्य को एसईआरबी और बीएचयू से प्राप्त अनुदान से वित्तीय सहायता मिली है।

बीएचयू के शोधकर्ताओं ने देश के विभिन्न हिस्सों में साइनोबैक्टीरिया की 9 नई प्रजातियों की पहचान की है। (इमेज-आधिकारिक)

Santosh Kumar | January 22, 2025 | 08:37 PM IST

नई दिल्ली: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वनस्पति विज्ञान विभाग के शोधकर्ताओं ने भारत के विभिन्न भागों से नीले-हरे शैवाल (साइनोबैक्टीरिया) की 9 नई प्रजातियों की खोज की है। यह शोध बीएचयू के सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रशांत सिंह और उनकी टीम ने किया है।

विश्वविद्यालय ने बताया कि त्रिपुरा, नागालैंड और असम के जैव विविधता हॉटस्पॉट से साइनोबैक्टीरिया की 7 नई प्रजातियां खोजी गई हैं। शेष 2 प्रजातियों की पहचान मध्य प्रदेश में यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व में की गई है।

13 शोधकर्ताओं में 7 इंटर्नशिप छात्र शामिल

यह शोध भारत की सूक्ष्मजीव विविधता में योगदान है। विश्वविद्यालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस अध्ययन में शामिल 13 शोधकर्ताओं में से 7 इंटर्नशिप छात्र हैं। इसने युवा वैज्ञानिकों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देने के महत्व को दर्शाया है।

डॉ. सिंह की प्रयोगशाला में वरिष्ठ रिसर्च फेलो और प्रमुख शोधकर्ता सागरिका पाल ने छात्रों की कड़ी मेहनत और समर्पण की प्रशंसा की और कहा, "यह खोज हमारी टीम के सामूहिक प्रयास और जिज्ञासा का परिणाम है।"

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प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन 9 नई साइनोबैक्टीरियल प्रजातियों की खोज भारत की प्राकृतिक संपदा में वृद्धि करती है और जैव विविधता संरक्षण और अनुसंधान में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता को भी बल देगी।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने बताया है कि इस शोध कार्य को एसईआरबी और बीएचयू से प्राप्त अनुदान से वित्तीय सहायता मिली है। यह शोध कार्य फाइकोलॉजी की एक प्रमुख पत्रिका एल्गल रिसर्च में प्रकाशित हुआ है।

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