AMU: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर विद्यार्थियों ने किया प्रदर्शन

अधिकारियों ने विद्यार्थियों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय के अधिकारी जल्द से जल्द उनकी चिंताओं का समाधान करेंगे।

प्रदर्शनकारी विद्यार्थी इस दौरान कुलपति कार्यालय के पास स्थित प्रशासनिक ब्लॉक में घुस गए। (स्त्रोत-आधिकारिक वेबसाइट/एएमयू)
प्रदर्शनकारी विद्यार्थी इस दौरान कुलपति कार्यालय के पास स्थित प्रशासनिक ब्लॉक में घुस गए। (स्त्रोत-आधिकारिक वेबसाइट/एएमयू)

Press Trust of India | November 21, 2024 | 05:30 PM IST

नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) में विद्यार्थियों के एक समूह ने छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है। अधिकारियों ने आज यानी 21 नवंबर, 2024 (बृहस्पतिवार) को यह जानकारी मीडिया से साझा की है।

प्रदर्शनकारी विद्यार्थी छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर कुलपति कार्यालय के पास स्थित प्रशासनिक ब्लॉक में घुस गए और नारेबाजी की। अधिकारियों के मुताबिक, सुरक्षाकर्मियों ने फौरन हस्तक्षेप कर उन्हें कुलपति कार्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया।

इससे पहले, विद्यार्थियों के एक समूह ने बुधवार रात को परिसर में एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें शांत कराया था। अधिकारियों ने विद्यार्थियों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय के अधिकारी जल्द से जल्द उनकी चिंताओं का समाधान करेंगे।

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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर मोहम्मद वसीम ने कहा कि, “प्रशासन को इस मुद्दे की जानकारी है और चूंकि मामला वर्तमान में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए विश्वविद्यालय अपनी कार्रवाई की रूपरेखा तैयार कर रहा है।” संपर्क किए जाने पर विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मामले पर जानकारी देने से इनकार कर दिया और कहा कि ‘मामला अदालत में विचाराधीन है’।

AMU Minority Status Case: एएमयू का माइनॉरिटी स्टेटस बरकरार

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे पर उठ रहे सवाल को नई पीठ को सौंप दिया है। वहीं, 1967 के अपने उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें एएमयू को अल्पसंख्यक संस्थान नहीं मानने का जिक्र किया गया था।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश शर्मा ने अलग-अलग असहमति वाले फैसले लिखे हैं। बता दें, जनवरी 2006 में, हाई कोर्ट ने एएमयू को अल्पसंख्यक का दर्जा देने वाले 1981 के कानून के प्रावधान को खारिज कर दिया था।

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