AMU: एएमयू छात्रसंघ चुनाव संबंधी याचिका पर इलाहाबाद एचसी ने की सुनवाई, विश्वविद्यालय से मांगा जवाब
Press Trust of India | December 4, 2024 | 08:24 AM IST | 2 mins read
अदालत ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अधिकारियों को अगली तिथि तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 9 जनवरी, 2025 तय की।
नई दिल्ली: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में छात्रसंघ चुनाव कराने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान इलाहाबाद एचसी ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से जवाब दाखिल करने को कहा है।
कैफ हसन नाम के एक विद्यार्थी द्वारा दायर इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि एएमयू के अधिकारी 2019 से छात्रसंघ चुनाव कराने में विफल रहे हैं और यह विद्यार्थियों के अधिकारों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का हनन है।
इससे पूर्व, अदालत ने 18 नवंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अधिवक्ता को उक्त जनहित याचिका में उठाए मुद्दे के संबंध में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। लेकिन, 29 नवंबर, 2024 को जब इस मामले में सुनवाई शुरू हुई तो अदालत ने पाया कि विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए जवाब से उद्देश्य हल नहीं हो रहा।
मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की पीठ ने कहा, इस अदालत द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में विश्वविद्यालय की ओर से दिए गए जवाब में संकेत दिया गया है कि संस्थान उचित समय पर चुनाव कराएगा। हालांकि, इस जवाब में उन मुद्दों के बारे में नहीं बताया गया जो इस याचिका में उठाए गए हैं।
इसके आलोक में, अदालत ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अधिकारियों को अगली तारीख तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 9 जनवरी, 2025 तय की।
याचिका में दलील दी गई है कि एएमयू अधिनियम, 1920 और लिंगदोह समिति की सिफारिशों के मुताबिक, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रतिवर्ष छात्रसंघ चुनाव करने को बाध्य है। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय ने पिछले छह वर्षों से छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए हैं।
याचिका में यह भी कहा गया है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को यूजीसी से अनुदान में भारी रकम मिली है जिसमें छात्रसंघ चुनाव के लिए भी धन शामिल है।
हालांकि, इसका उचित ढंग से उपयोग नहीं किया गया है। याचिका में आगे कहा गया है कि विद्यार्थियों ने संबंधित अधिकारियों के समक्ष प्रतिवेदन दिए हैं, लेकिन अभी तक संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई महत्वपूर्ण जवाब नहीं दिया गया है।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- VBSA Bill: लोकसभा ने 'विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान विधेयक' को संयुक्त समिति को भेजने की दी मंजूरी, जानें महत्व
- Govt in Lok Sabha: केवीएस में 10,173 पद रिक्त; 2014 से भर्ती और कॉन्ट्रैक्ट टीचरों का साल-वार विवरण जारी
- एसएमवीडीआईएमई में हिंदुओं के लिए आरक्षण और मुस्लिम छात्रों को स्थानांतरण करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
- IIM Indore Admission Guidelines 2026-28: आईआईएम इंदौर ने पीजीपी एडमिशन गाइडलाइंस जारी की, पात्रता मानदंड जानें
- IIT Bombay News: महाराष्ट्र सरकार आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलने के लिए केंद्र को लिखेगी पत्र, सीएम ने दी जानकारी
- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज