Santosh Kumar | September 20, 2025 | 04:59 PM IST | 2 mins read
जॉइंट वर्किंग कमेटी के पत्र में पेपर लीक के स्रोत की जांच, जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने की मांग की गई है।
नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) द्वारा आयोजित नर्सिंग ऑफिसर भर्ती सामान्य पात्रता परीक्षा (नॉरसेट-9) की प्रारंभिक परीक्षा कथित पेपर लीक के गंभीर आरोपों से घिर गई है। इस बीच, जॉइंट वर्किंग कमेटी ने एम्स नई दिल्ली निदेशक एम. श्रीनिवास को पत्र लिखकर प्री परीक्षा के दौरान कथित पेपर लीक और तकनीकी समस्याओं की जांच का अनुरोध किया है। अभ्यर्थी 14 सितंबर को देश भर के परीक्षा केंद्रों पर आयोजित इस परीक्षा की पुनः परीक्षा की मांग कर रहे हैं।
समिति ने पत्र में कहा कि नॉरसेट परीक्षा के दौरान गंभीर अनियमितताएं हुईं। अभ्यर्थी ₹3,000 का शुल्क अदा करते हैं और पूरी लगन से तैयारी करते हैं, लेकिन हाल की घटनाओं ने परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सोशल मीडिया पर नॉरसेट प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्नपत्र सामने आने की खबरें आई हैं, जिससे पेपर लीक होने का शक बढ़ गया है। परीक्षा के तुरंत बाद ही कुछ सवाल वायरल हो गए, जबकि एम्स ने प्रश्नपत्र सार्वजनिक न करने की नीति बनाई है।
पिछले सत्रों (जैसे, नॉरसेट-4, 2023) में इसी तरह की घटनाओं के कारण सीबीआई जांच और गिरफ्तारियां हुईं। ऐसी घटनाएं न केवल परीक्षा की निष्पक्षता से समझौता करती हैं, बल्कि उम्मीदवारों के भविष्य को भी खतरे में डालती हैं।
पत्र में पेपर लीक के स्रोत की जांच, जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई और परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने की मांग की गई है। इसके अलावा, कई केंद्रों पर तकनीकी समस्याओं के कारण हुई देरी पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
एम्स दिल्ली ने कहा है कि समीक्षा के बाद, यह स्पष्ट किया जाता है कि ऑनलाइन प्रसारित सामग्री में केवल अभ्यर्थियों द्वारा साझा किए गए मेमोरी-बेस्ड प्रश्न शामिल थे, जो परीक्षा के बाद की एक नियमित प्रक्रिया है, और यह लीक नहीं है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (नॉरसेट) 9 के पहले चरण के परिणाम 18 सितंबर को घोषित कर दिए। दूसरे चरण (मुख्य परीक्षा) के लिए 19,334 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है।
एक्स यूजर (@tradewithpride) ने एम्स नई दिल्ली को टैग करते हुए लिखा, "नॉरसेट कराना बंद करो, यूं ही पोस्ट बेचो, लोगों को बेकार की उम्मीद क्यों देते हो, फॉर्म भरने के लिए उन्हें 3000 रुपये क्यों खर्च करवाते हो, भ्रष्ट एम्स।"
एक अन्य यूजर (@NaharwalNd) ने पोस्ट करते हुए लिखा, "नॉर्सेट 9 का पेपर लीक हो गया था, फिर भी एम्स ने नतीजे जारी कर दिए जैसे कुछ हुआ ही नहीं! कोचिंग माफिया को फंसाया जा रहा है, छात्रों का भविष्य बर्बाद। दोबारा परीक्षा करो!"