UPPSC RO ARO Exam 2023: यूपी आरओ एआरओ भर्ती परीक्षा कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न, 42.29% कैंडिडेट हुए शामिल

Press Trust of India | July 27, 2025 | 06:16 PM IST | 2 mins read

बयान के अनुसार, इस परीक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आयोग द्वारा सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए, जिसमें एआई आधारित अलर्ट सिस्टम, सीसीटीवी स्ट्रीमिंग, बायोमेट्रिक सत्यापन और एसटीएफ की कड़ी निगरानी शामिल थी।

यूपी आरओ एआरओ 2025 परीक्षा के लिए 10.76 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)
यूपी आरओ एआरओ 2025 परीक्षा के लिए 10.76 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) भर्ती परीक्षा रविवार (27 जुलाई, 2025) को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सकुशल संपन्न हो गई। अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा राज्य के 2,300 से अधिक केंद्रों पर सुबह 9:30 बजे से शुरू हुई और तीन घंटे तक चली। परीक्षा में 42.29 प्रतिशत अभ्यर्थी शामिल हुए।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक राज्य के सभी 75 जिलों में एक ही पाली में पूर्वाह्न साढ़े नौ बजे से अपराह्न साढ़े 12 बजे तक आयोजित तीन घंटे की इस परीक्षा के लिए 10.76 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, लेकिन 4,54,997 अभ्यर्थियों ने ही परीक्षा दी। इस परीक्षा के लिए राज्यभर में 2,382 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार के हवाले से जारी एक बयान में कहा गया कि इस परीक्षा में 10,76,004 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिनमें से 4,54,997 (42.29 प्रतिशत) शामिल हुए। प्रदेश भर में 2,382 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जिनमें कानपुर में सर्वाधिक 139, लखनऊ में 129, प्रयागराज में 106 और वाराणसी में 82 केंद्र शामिल थे।

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उन्होंने बताया कि अयोध्या में सर्वाधिक 52.81 प्रतिशत, जबकि रामपुर में सबसे कम 25.78 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी है। वहीं, प्रयागराज में 47.61 प्रतिशत, लखनऊ में 48.89 प्रतिशत, कानपुर में 44.37 प्रतिशत और वाराणसी में 49.19 प्रतिशत अभ्यर्थियों की उपस्थिति रही।

बयान के अनुसार इस परीक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आयोग द्वारा सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए, जिसमें एआई आधारित अलर्ट सिस्टम, सीसीटीवी स्ट्रीमिंग, बायोमेट्रिक सत्यापन और एसटीएफ की कड़ी निगरानी शामिल थी। इस वजह से परीक्षा पूरी तरह नकलमुक्त और पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई।

प्रदेश में कहीं से भी किसी प्रकार की अनियमितता सामने नहीं आई जिससे प्रदेश की परीक्षा प्रणाली की साख और मजबूत हुई। सभी व्यवस्थाओं की निगरानी और आवश्यकता पड़ने पर त्वरित निर्णय लेने के लिए राज्य के सभी 75 जिलों के जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिले का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था। इसके अलावा एसटीएफ और पुलिस को समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी की भर्ती परीक्षाओं में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होने देने के सख्त निर्देश दिए गए थे।

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