यूपी बोर्ड ने 24 फरवरी को होने वाली बोर्ड परीक्षा स्थगित कर दी है। विद्यार्थियों को कोई असुविधा न हो इसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। यह परीक्षा सिर्फ प्रयागराज जिले के विद्यार्थियों के लिए स्थगित होगी।
Saurabh Pandey | February 21, 2025 | 08:31 PM IST
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (यूपीएमएसपी) ने यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं की 24 फरवरी को प्रयागराज में होने वाली परीक्षा को स्थगित कर दिया है। बोर्ड की तरफ से जारी नोटिस के मुताबिक महाकुंभ को देखते हुए पहले दिन की परीक्षा को स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
यूपी बोर्ड की तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में अंतिम स्नान (महाशिवरात्रि) की वजह होने वाली श्रद्धालुओं भारी भीड को देखते हुए यूपी बोर्ड 10वीं, 12वीं की प्रयागराज में होने वाली परीक्षा तिथि को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया गया, जिसे देखते हुए 24 फरवरी की परीक्षा अब 9 मार्च को आयोजित की जाएगी।
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी को दो पालियों में - सुबह 8:30 बजे से 11:45 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 2 बजे से शाम 5:15 बजे तक आयोजित होनी थी। पहला पाली में हाईस्कूल (10वीं) की हिंदी प्रारंभिक और हेल्थकेयर की परीक्षा होनी थी और दूसरी पाली में 12वीं की सैन्य विज्ञान और हिंदी, सामान्य हिंदी की परीक्षा होनी थी। इन्हें अब स्थगित कर दिया गया है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज द्वारा इंटरमीडिएट की प्रैक्टिकल परीक्षा 2025 दो चरणों में आयोजित की गई थी। पहला चरण 1 फरवरी, 2025 से 8 फरवरी 2025 तक अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी तथा गोरखपुर मंडलों में आयोजित किया गया था, जबकि दूसरा चरण 9 फरवरी से 16 फरवरी, 2025 तक आगरा, सहारनपुर, बरेली, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, अयोध्या, आजमगढ़, देवीपाटन तथा बस्ती मंडल में आयोजित किया गया था।
इस वर्ष कुल 54,38,597 छात्र-छात्राओं ने यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें यूपी बोर्ड हाईस्कूल की परीक्षा 2025 के लिए पंजीकृत विद्यार्थियों की संख्या 27,40,151 है, जबकि यूपी बोर्ड इंटर की परीक्षा 2025 के लिए कुल 26,98,446 परीक्षार्थियों ने रजिस्टर किया है।
पिछले साल यूपी बोर्ड परीक्षा 2024 के लिए कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए कुल 55,25,308 छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण कराया था। हालांकि इनमें से 4 लाख से ज्यादा बच्चों ने परीक्षा छोड़ दी थी।