Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज पेश करेंगी बजट, शिक्षा सेक्टर को क्या हैं उम्मीदें?
Abhay Pratap Singh | February 1, 2025 | 08:12 AM IST | 2 mins read
शिक्षा और शोध के लिए एक सुनियोजित बजट वृद्धि नवाचार को बढ़ावा देगी, युवाओं को सशक्त बनाएगी और ग्लोबल नॉलेज लीडर्स के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगी।
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करेंगी। इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और मध्यम वर्ग के लिए कर राहत पर ध्यान दिया जाएगा। शिक्षा क्षेत्र ने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 6% हिस्से को सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली के लिए आवंटित करने की मांग की है।
यूनियन बजट 2025-26 में शिक्षा क्षेत्र से बहुत उम्मीदें हैं। शिक्षाविदों और उद्योग जगत के लीडर्स ने सरकार से STAM-आधारित (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कला, गणित) अनुसंधान, माइक्रो-क्रेडेंशियल पाठ्यक्रमों और प्रबंधन संस्थानों के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने में निवेश को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है।
बजट 2025 से एक दिन पहले केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश किया। मंत्री ने बताया कि भारत की स्कूली शिक्षा प्रणाली 14.72 लाख स्कूलों में 24.8 करोड़ छात्रों को शिक्षा प्रदान करती है, जिसमें 98 लाख शिक्षक हैं। एनईपी 2020 का लक्ष्य 2030 तक 100 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) हासिल करना है।
Also read Pre Budget 2025: स्कूल को फिर से नया रूप देने के लिए आवश्यक नवाचारों में निवेश की आवश्यकता
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में कहा गया कि प्राथमिक स्तर पर जीईआर लगभग 93 प्रतिशत और माध्यमिक स्तर पर 77.4 प्रतिशत तथा उच्चतर माध्यमिक स्तर पर 56.2 प्रतिशत है, इस अंतर को समाप्त करने के प्रयास जारी हैं, जिससे राष्ट्र सभी के लिए समावेशी और समान शिक्षा के अपने दृष्टिकोण के करीब पहुंच सके।
पिछले साल के बजट में शिक्षा के लिए 1.12 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो उसके पिछले साल से 13 प्रतिशत अधिक है। विशेषज्ञों ने बताया कि कौशल अंतर को समाप्त करने, डिजिटल शिक्षा का विस्तार करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच में सुधार करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में अतिरिक्त निवेश की आवश्यक है।
आईआईएम रायपुर के निदेशक प्रो राम कुमार काकानी ने कहा कि भारत वर्तमान में अपने जीडीपी का 4.6 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करता है। उन्होंने सरकार से कोठारी आयोग (1964-66) द्वारा अनुशंसित 6% के लक्ष्य की ओर बढ़ने का आग्रह किया है। अन्य ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में मौजूदा कमियों को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण बजट आवंटित करना चाहिए।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- VBSA Bill: लोकसभा ने 'विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान विधेयक' को संयुक्त समिति को भेजने की दी मंजूरी, जानें महत्व
- Govt in Lok Sabha: केवीएस में 10,173 पद रिक्त; 2014 से भर्ती और कॉन्ट्रैक्ट टीचरों का साल-वार विवरण जारी
- एसएमवीडीआईएमई में हिंदुओं के लिए आरक्षण और मुस्लिम छात्रों को स्थानांतरण करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
- IIM Indore Admission Guidelines 2026-28: आईआईएम इंदौर ने पीजीपी एडमिशन गाइडलाइंस जारी की, पात्रता मानदंड जानें
- IIT Bombay News: महाराष्ट्र सरकार आईआईटी बॉम्बे का नाम बदलने के लिए केंद्र को लिखेगी पत्र, सीएम ने दी जानकारी
- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज