Santosh Kumar | September 29, 2025 | 10:19 AM IST | 1 min read
उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एसआईटी यूकेएसएसएससी प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच कर रही है।
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 28 सितंबर को कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में देश का सबसे कठोर नकल-रोधी कानून लागू किया और नकल माफिया से जुड़े 100 से अधिक लोगों को जेल भेजा। सीएम धामी ने कहा, ‘‘हमने एक कड़ा नकल-रोधी कानून बनाया। हमने नकल माफियाओं से जुड़े 100 से अधिक लोगों को जेल भेजा। साथ ही, 25,000 पात्र उम्मीदवारों को सरकारी विभागों में नौकरियां दीं।"
सीएम धामी ने आगे कहा कि राज्य में पहली बार भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया गया। इससे पहले, सरकार ने हरिद्वार में परीक्षा के लिए नियुक्त सेक्टर मजिस्ट्रेट और परीक्षा केंद्र पर तैनात दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
इस महीने की शुरुआत में आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक और नकल के आरोपों से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए, धामी ने कहा कि मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।
उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एसआईटी पेपर लीक मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा, "मैं विश्वास दिलाता हूँ कि अगर आरोप सही हैं, तो इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।"
जब उन्हें बताया गया कि छात्रों का एक वर्ग मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है तो मुख्यमंत्री ने कहा कि वह छात्रों के हित में मामले में किसी भी जांच का आदेश देने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘छात्रों का हित मेरे लिए सर्वोपरि है और मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं। मैं सीबीआई जांच के खिलाफ नहीं हूं। हालांकि, फिलहाल एसआईटी इसकी जांच कर रही है और हमें उसके निष्कर्ष का इंतजार करना चाहिए।’’
21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्नपत्र के 3 पन्ने सोशल मीडिया पर सामने आए थे। पुलिस ने बताया कि साबिया ने खालिद के फोन से ये प्रश्न टिहरी में सहायक प्रोफेसर सुमन के फोन पर भेजे और उनसे उत्तर प्राप्त किए।
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