साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय का भारत परिसर गुरुग्राम में स्थित होगा और यह भारत का पहला विदेशी विश्वविद्यालय होगा।
Santosh Kumar | August 29, 2024 | 07:35 PM IST
नई दिल्ली: यूके स्थित साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय (यूओएस) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत भारत में अपना पहला परिसर स्थापित करने की योजना बनाई है। नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय को इस संबंध में आशय पत्र (एलओआई) जारी किया गया।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय का भारत परिसर गुरुग्राम में स्थित होगा। इस परिसर में जुलाई 2025 से शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू होने की उम्मीद है। स्नातक कार्यक्रमों में रुचि रखने वाले छात्र आने वाले समय में पंजीकरण विंडो खुलने के बाद आवेदन कर सकेंगे।
हालांकि, अभी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की तारीख की घोषणा नहीं की गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने वर्ष 2023 में भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसर खोलने और चलाने के लिए नियम बनाए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस संबंध में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों को आशय पत्र (एलओआई) सौंपा।
अधिकारियों के अनुसार, साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ने गुरुग्राम में अपना परिसर खोलने का प्रस्ताव रखा था, जिसे यूजीसी की स्थायी समिति ने मंजूरी दी है, जिसमें भारत और विदेश के प्रतिष्ठित शिक्षाविद शामिल हैं। यूजीसी के चेयरमैन जगदीश कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि भारत में खोले जा रहे साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय परिसर में दी जाने वाली डिग्री मेजबान विश्वविद्यालय द्वारा दी जाने वाली डिग्री के समान ही होगी। इस परिसर में पढ़ाए जाने वाले कार्यक्रमों का शैक्षणिक मानक और गुणवत्ता भी वही रहेगी।
कुमार ने कहा कि भारत में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय परिसर जुलाई 2025 में अपने शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू करेगा। यहां पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रम व्यवसाय और प्रबंधन, कंप्यूटिंग, कानून, इंजीनियरिंग, कला और डिजाइन, जैव विज्ञान और जीवन विज्ञान जैसे विषयों पर केंद्रित होंगे।