UGC NET Paper Leak मामले में सीबीआई ने दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट; छात्र ने बनाया था फर्जी स्क्रीनशॉट
Press Trust of India | January 30, 2025 | 04:33 PM IST | 2 mins read
अदालत यह तय करेगी कि रिपोर्ट को स्वीकार कर केस क्लोज कर दिया जाए या एजेंसी को आगे की जांच करने का निर्देश दिया जाए।
नई दिल्ली: यूजीसी नेट 2024 पेपर लीक मामले में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। पहले कहा गया कि इसका प्रश्नपत्र डार्कनेट पर लीक हो गया था और टेलीग्राम पर बेचा जा रहा था, लेकिन अब सीबीआई ने कोर्ट में रिपोर्ट दी है कि इस मामले में कोई सबूत नहीं मिला है कि पेपर लीक हुआ। सीबीआई ने इस संबंध में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को भी रिपोर्ट भेजी है।
अब अदालत तय करेगी कि रिपोर्ट स्वीकार कर मामले को बंद किया जाए या एजेंसी को आगे की जांच करने का निर्देश दिया जाए। अधिकारियों ने कहा कि "लीक" प्रश्नपत्र का फर्जी स्क्रीनशॉट एक छात्र ने पैसे कमाने के लिए प्रसारित किया।
UGC NET Paper Leak: प्रश्न पत्र का प्रसारित स्क्रीनशॉट फर्जी
अधिकारी ने कहा कि परीक्षा के दिन, दूसरी शिफ्ट से पहले दोपहर में टेलीग्राम पर पेपर प्रसारित किया गया, जिससे यह आभास हुआ कि पेपर लीक हुआ है। हालांकि, जांच में पता चला कि प्रसारित स्क्रीनशॉट फर्जी था और इसे ऐप का उपयोग करके बनाया गया था।
इस परीक्षा के लिए 11 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया, जो जूनियर रिसर्च फेलोशिप, सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पीएचडी प्रवेश के लिए पात्रता निर्धारित करती है।
UGC NET 2024: ऐप से बनाया पेपर का स्क्रीनशॉट
भारत सरकार के साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) से अलर्ट मिलने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने 19 जून को परीक्षा रद्द कर दी थी। मंत्रालय ने कहा कि परीक्षा के बारे में कुछ जानकारी मिली, जिसके कारण परीक्षा रद्द कर दी गई।
इन इनपुट्स से पता चला कि कुछ गड़बड़ है। जांच सीबीआई को सौंपी गई, जिसने पाया कि एक छात्र ने ऐप से पेपर का स्क्रीनशॉट बनाया था। अधिकारियों ने बताया कि फोरेंसिक विशेषज्ञों ने कहा कि स्क्रीनशॉट के साथ छेड़छाड़ की गई थी।
बता दें कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने पहले 18 जून को यूजीसी नेट जून 2024 परीक्षा आयोजित की। इसके बाद 2 अगस्त 2024 को दोबारा 21 अगस्त 2024 से 4 सितंबर 2024 तक परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की।
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