UGC MPhil Degree 2024: यूजीसी ने क्लिनिकल साइकोलॉजी व साइकेट्रिक सोशल वर्क कोर्स के लिए एमफिल की वैधता बढ़ाई

यूजीसी ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए दो MPhil प्रोग्रामों की वैधता बढ़ाने का निर्णय लिया है। इन पाठ्यक्रम के तहत नैदानिक मनोविज्ञान और मनोरोग सामाजिक कार्य को शामिल किया गया है।

एमफिल दो वर्षीय कार्यक्रम है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)
एमफिल दो वर्षीय कार्यक्रम है। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Abhay Pratap Singh | January 31, 2024 | 05:28 PM IST

नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दो एमफिल प्रोग्रामों की वैधता शैक्षणिक सत्र 2025-26 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। यूजीसी ने क्लिनिकल साइकोलॉजी व साइकेट्रिक सोशल वर्क एमफिल प्रोग्रामों के लिए ऐसा किया है।

यूजीसी ने दिसंबर 2023 में शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए एमफिल प्रोग्रामों में नए छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। एमफिल डिग्री बंद होने के बावजूद आयोग ने यूजीसी पीएचडी नियमों में छूट देते हुए क्लिनिकल साइकोलॉजी और मनोरोग सामाजिक कार्य में एमफिल की वैधता बढ़ाने का फैसला किया है।

यूजीसी ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में क्लिनिकल साइकोलॉजी और मनोरोग सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा निभाई गई भूमिका को ध्यान में रखते हुए इन प्रोग्रामों में मान्यता बढ़ाने का फैसला लिया है। उच्च शिक्षा संस्थान केवल शैक्षणिक वर्ष 2025-26 तक इन एमफिल कार्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश दे सकते हैं।

एमफिल दो वर्षीय कार्यक्रम है, जो छात्रों को रिसर्च और एनालिसिस के अलग-अलग तरीकों से परिचित कराता है। आपको बता दें कि एमफिल कार्यक्रम की पेशकश नहीं करने का उच्च शिक्षा संस्थानों को निर्देश दिया गया था, क्योंकि यूजीसी ने पहले कहा था कि सभी यूनिवर्सिटी में पेश किए जाने वाले एडवांस्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट अब वैध नहीं होंगे।

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