UGC Biannual Admission: उच्च शिक्षा संस्थानों में साल में 2 बार प्रवेश ले सकेंगे छात्र, यूजीसी प्रमुख की घोषणा

यूजीसी के अध्यक्ष ममीडाला जगदीश कुमार ने बताया कि यह कदम उन छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है जो बोर्ड परीक्षा के नतीजों में देरी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं या व्यक्तिगत कारणों से शुरुआती प्रवेश अवधि से चूक जाते हैं।

इसके तहत 2024-25 शैक्षणिक सत्र में जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में दो प्रवेश चक्र होंगे। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)
इसके तहत 2024-25 शैक्षणिक सत्र में जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में दो प्रवेश चक्र होंगे। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Press Trust of India | June 11, 2024 | 04:36 PM IST

नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) को 2024-25 शैक्षणिक सत्र से वर्ष में दो बार छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर ममीडाला जगदीश कुमार ने भारतीय विश्वविद्यालयों को अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं के साथ जोड़ने और लचीलापन बढ़ाने के उद्देश्य से इस बदलाव की घोषणा की। इसके तहत 2024-25 शैक्षणिक सत्र में जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में दो प्रवेश चक्र होंगे।

वर्तमान में, भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान जुलाई-अगस्त में शुरू होने वाले और मई-जून में समाप्त होने वाले शैक्षणिक सत्र का पालन करते हैं, जिसमें छात्रों को साल में केवल एक बार प्रवेश दिया जाता है। नई नीति के तहत, प्रवेश जनवरी-फरवरी में भी आयोजित किए जाएंगे, जिससे प्रति वर्ष दो प्रवेश चक्र प्रदान किए जाएंगे।

यूजीसी के अध्यक्ष ममीडाला जगदीश कुमार ने बताया कि यह कदम उन छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया है जो बोर्ड परीक्षा के नतीजों में देरी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं या व्यक्तिगत कारणों से शुरुआती प्रवेश अवधि से चूक जाते हैं। द्विवार्षिक प्रवेश की अनुमति देकर, छात्रों को जुलाई-अगस्त चक्र में चूकने पर नामांकन के लिए पूरे एक साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

कुमार ने इस बात पर प्रकाश डाला कि द्विवार्षिक प्रवेश उच्च शिक्षा संस्थानों को अपने संसाधनों का अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में मदद करेंगे। उन्होनें कहा कि यह प्रणाली पहले से ही कई वैश्विक संस्थानों में लागू है, और इसे अपनाने से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और छात्र आदान-प्रदान बढ़ सकता है, जिससे भारत की वैश्विक शैक्षिक प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा।

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रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे

विदेशों में प्रवेश प्रक्रिया को लचीला रखा गया है और वहां साल में एक बार ही प्रवेश नहीं दिया जाता। इसी तरह हमारे देश में भी उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में एक बार की बजाय दो बार प्रवेश दिया जाएगा। यूजीसी के चेयरमैन ने कहा कि इस एडमिशन चक्र के अन्य लाभों के अलावा एक लाभ यह भी है कि इससे रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। कंपनियाँ एक से अधिक बार प्लेसमेंट आयोजित कर सकती हैं और इससे उम्मीदवारों के लिए नौकरी के अवसर बढ़ेंगे।

इस बारे में बात करते हुए यूजीसी चेयरमैन ने यह भी कहा कि साल में दो बार एडमिशन लेने का विकल्प दिया जाएगा लेकिन उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए इस नियम का पालन करना अनिवार्य नहीं होगा। यह संस्थान का फैसला होगा कि वे साल में दो बार एडमिशन लेना चाहते हैं या नहीं।

उन्होंने कहा, "उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए द्विवार्षिक प्रवेश आयोजित करना अनिवार्य नहीं होगा, यह वह लचीलापन है जो यूजीसी उच्च शिक्षा संस्थानों को प्रदान करता है जो अपने छात्र प्रवेश को बढ़ाना चाहते हैं और उभरते क्षेत्रों में नए पाठ्यक्रम पेश करना चाहते हैं। छात्रों को साल में दो बार प्रवेश देने में सक्षम होने के लिए, उच्च शिक्षा संस्थानों को अपने संस्थागत नियमों में उपयुक्त संशोधन करना होगा।"

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