वर्ष 2021 में सत्ता पर काबिज होने वाले तालिबान ने लड़कियों के छठी कक्षा से ज्यादा पढ़ाई करने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
Press Trust of India | August 15, 2024 | 04:27 PM IST
नई दिल्ली: तालिबान ने प्रतिबंधों के माध्यम से जानबूझकर अफगानिस्तान में 14 लाख लड़कियों को स्कूल जाने से वंचित किया है। संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अफगानिस्तान दुनिया का एकमात्र देश है, जहां महिलाओं के माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षा हासिल करने पर प्रतिबंध है।
वर्ष 2021 में सत्ता पर काबिज होने वाले तालिबान ने लड़कियों के छठी कक्षा से ज्यादा पढ़ाई करने पर प्रतिबंध लगा रखा है, क्योंकि उसका कहना है कि यह शरिया या इस्लामी कानून की व्याख्या के अनुरूप नहीं है। तालिबान सरकार ने अफगान विश्वविद्यालयों में महिलाओं के प्रवेश पर भी रोक लगा दी थी।
यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) ने कहा कि तालिबान ने सत्ता में आने के बाद कम से कम 14 लाख लड़कियों को जानबूझकर माध्यमिक शिक्षा से वंचित किया है। यूनेस्को के अनुसार, अप्रैल 2023 में हुई पिछली गणना के बाद से इसमें 3,00,000 की वृद्धि हुई है।
यूनेस्को ने कहा, “यदि हम उन लड़कियों को जोड़ लें जो प्रतिबंध लागू होने से पहले से स्कूल नहीं जा रही थीं, तो अब देश में लगभग 25 लाख लड़कियां शिक्षा के अपने अधिकार से वंचित हैं। इस हिसाब से अफगानिस्तान में 80 प्रतिशत लड़कियां शिक्षा से दूर हैं।”
यूनाइटेड नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (UNESCO) की रिपोर्ट आने के बाद तालिबान की ओर से इसपर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है। बता दें कि, अफगानिस्तान की शिक्षा प्रणाली तीन दशकों से भी ज्यादा समय से चल रहे संघर्ष के कारण बर्बाद हो चुकी है।
अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से महिलाओं और लड़कियों पर लगातार बढ़ते दमन के साथ-साथ अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय तबाही के कगार पर धकेल रहे हैं। ऐसे में देश के तमाम बच्चों के लिए प्राथमिक विद्यालय की पढ़ाई पूरी करना एक सपना बना हुआ है।