सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाह में तीन छोटी बच्चियों की चाकू मारकर हत्या करने वाले आरोपी को मुस्लिम बताया गया था।
Press Trust of India | August 11, 2024 | 05:25 PM IST
नई दिल्ली: ब्रिटेन के कई शहरों में सोशल मीडिया पर गलत सूचना के कारण दक्षिणपंथियों के दंगों के मद्देनजर पाठ्यक्रम में प्रस्तावित बदलावों के तहत स्कूली बच्चों को चरमपंथ से जुड़ी ऑनलाइन सामग्री और फर्जी खबरों को पहचान करना सिखाया जाएगा। हाल ही में ब्रिटेन में फर्जी खबरों के चलते हिंसा भड़की थी।
ब्रिटेन की शिक्षा मंत्री ब्रिजेट फिलिप्सन ने रविवार को ‘द डेली टेलीग्राफ’ को बताया कि वह प्राथमिक और माध्यमिक दोनों स्कूली पाठ्यक्रम की समीक्षा शुरू कर रही हैं ताकि विभिन्न विषयों में आलोचनात्मक नजरिये की सोच विकसित की जा सके और बच्चों को ‘‘षड्यंत्र सिद्धांतों’’ के खिलाफ तैयार किया जा सके।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इसका अर्थ यह है कि स्कूली बच्चे अंग्रेजी पाठों में लेखों का विश्लेषण कर सकते हैं, ताकि उन्हें यह सीखने में मदद मिल सके कि सटीक रिपोर्टिंग से मनगढ़ंत चीजों को कैसे अलग किया जाए। बता दें कि, साउथ पोर्ट में 29 जुलाई 2024 को डांस पार्टी में 3 बच्चियों की चाकू मार कर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद दक्षिणपंथी गुट प्रदर्शन कर रहे थे।
फिलिप्सन ने कहा, ‘‘यह पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि हम युवाओं को ज्ञान और कौशल प्रदान करें ताकि वे ऑनलाइन जो कुछ भी देखते हैं, उसकी सामग्री को चुनौती दे सकें।’’ जानकारी के अनुसार, सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाह में बताया गया कि घटना में शामिल आरोपी मुस्लिम है, जिसके बाद प्रदर्शनकारी भड़क गए थे।
ब्रिटेन की शिक्षा मंत्री ने कहा कि, ‘‘यही कारण है कि हमारी पाठ्यक्रम समीक्षा के तहत पाठों में महत्वपूर्ण कौशल को शामिल करने की योजना रहेगी ताकि हमारे बच्चों को सोशल मीडिया पर फैली गलत सूचनाओं, फर्जी खबरों और घृणित षड्यंत्र के सिद्धांतों से बचाया जा सके।’’
टेलर स्विफ्ट की थीम डांस पार्टी में तीन छोटी बच्चियों की चाकू मारकर हत्या के बाद फैली इस हिंसा को पिछले 13 सालों में ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम) में अब तक का सबसे बड़ा दंगा बताया गया है। अधिकारियों ने बताया कि 17 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार आरोपी का इस्लाम धर्म से कोई संबंध नहीं है।
बता दें कि, वर्तमान व्यवस्था में प्रदेश के मदरसों को उत्तर प्रदेश राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड ही मान्यता देता है। मान्यता प्राप्त मदरसों में से 560 को सरकार से अनुदान प्राप्त होता है।
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