Student Protests: ‘इंडिया’ से जुड़े छात्र संगठनों ने एनईपी, यूजीसी के खिलाफ किया प्रदर्शन, चुनाव कराने की मांग

एनएसयूआई, आइसा, एसएफआई, एआईएसएफ, एमएसएफ, समाजवादी छात्र सभा और सीआरजेडी के सदस्यों सहित अन्य ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

‘इंडिया’ से जुड़े छात्र संगठनों ने प्रदर्शन का आयोजन जंतर-मंतर पर किया। (स्त्रोत-एक्स/एनएसयूआई)

Press Trust of India | March 24, 2025 | 05:57 PM IST

नई दिल्ली: विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) से जुड़े कई दलों के छात्र संगठनों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को नियुक्तियों पर यूजीसी के मसौदा दिशा-निर्देशों को वापस लेने तथा छात्र संघों की बहाली की मांग करते हुए सोमवार को प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का आयोजन दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर किया गया।

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने इस प्रदर्शन में भाग लिया। इसके अलावा, मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ), समाजवादी छात्र सभा और छात्र राष्ट्रीय जनता दल (सीआरजेडी) के सदस्यों और अन्य ने भी हिस्सा लिया।

आइसा से जुड़े एक छात्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमारा उद्देश्य बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना है।’’ प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में स्वतंत्र और निष्पक्ष छात्र संघ चुनाव कराने, आरक्षित श्रेणी की सीटों को भरने और छात्रवृत्ति जारी रखने की मांग की।

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उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का भी विरोध किया, जिसे केंद्र सरकार ने ‘भारतीयता’ को बनाए रखते हुए शिक्षा प्रणाली को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप ढालने के लिए 29 जुलाई, 2020 को लागू किया था। उसने 1986 की नीति को बदल दिया और स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक सुधारों की शुरुआत की।

प्रदर्शनकारियों ने शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मसौदा नियमों का भी विरोध किया। कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, हमारी मांग है कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी, UGC ड्राफ्ट वापस लिया जाए। ये ऐसा ड्राफ्ट है, जो हमारे देश के एकेडमिक सिस्टम को खत्म कर देगा।

मसौदे में यूजीसी अध्यक्ष और कुलपतियों की नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय के शीर्ष निकाय द्वारा नियुक्त सदस्यों के साथ-साथ राज्य के राज्यपाल के नामित व्यक्ति की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय खोज-सह-चयन समिति गठित करने का प्रस्ताव है। उन्होंने देश भर के विश्वविद्यालयों में छात्र संघों को बहाल करने का भी आह्वान किया।

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