अदालत जामिया के 4 छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें उन्होंने विश्वविद्यालय प्रॉक्टर के उस आदेश को चुनौती दी थी।
Press Trust of India | March 4, 2025 | 01:56 PM IST
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार (4 मार्च) को जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के निलंबन पर रोक लगा दी, जिन पर बिना पूर्व अनुमति के परिसर में विरोध प्रदर्शन करने का आरोप है। उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कुलपति की निगरानी में विश्वविद्यालय के अधिकारियों की एक समिति गठित करने का भी आदेश दिया और कहा कि उन्हें चर्चा में छात्र प्रतिनिधियों को भी शामिल करना चाहिए।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने विश्वविद्यालय से मामले में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। अदालत जामिया के 4 छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें उन्होंने विश्वविद्यालय प्रॉक्टर के उस आदेश को चुनौती दी थी।
जिसमें उन्हें निलंबित किया गया था और परिसर में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया दिया गया था। छात्रों के वकील ने अदालत से कहा कि वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। जामिया का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता अमित साहनी और किस्लय मिश्रा ने दलील दी।
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उन्होंने कहा कि छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से विरोध प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी और उन्होंने संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। वकील ने कहा कि छात्र कैंटीन के बाहर सो रहे थे, जिसकी अनुमति नहीं थी।
विश्वविद्यालय परिसर में फरवरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों को दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर हिरासत में ले लिया था। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि कुछ छात्र घंटों तक लापता रहे, जिसके कारण विरोध प्रदर्शन और बढ़ गया। हालांकि, लगभग 12 घंटे बाद सभी छात्रों को रिहा कर दिया गया।