School Innovation Marathon 2024: स्कूल इनोवेशन मैराथन संपन्न; 100,000 से अधिक नवाचार परियोजनाएं प्राप्त हुई

इनोवेशन चैलेंज एनईपी 2020 से जुड़ा है, जो छात्रों के बीच रचनात्मकता, नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देकर अनुभवात्मक शिक्षा और रचनात्मक समस्या-समाधान पर जोर देता है।

स्कूल इनोवेशन मैराथन 2024 ‘विकसित भारत 2047’ थीम विषय पर आधारित था। (इमेज -एक्स/@AIMtoInnovate)

Abhay Pratap Singh | December 20, 2024 | 07:20 PM IST

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय, अटल इनोवेशन मिशन (AIM), नीति आयोग, शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल (MIC), एआईसीटीई और यूनिसेफ युवा (यू-वाह) द्वारा आयोजित स्कूल इनोवेशन मैराथन 2024 सफलतापूर्वक संपन्न हुई। स्कूल इनोवेशन मैराथन में स्कूलों के छात्रों ने एटीएल के साथ या उसके बिना अपनी पसंद की सामुदायिक समस्याओं की पहचान की और कार्यशील प्रोटोटाइप के रूप में नए समाधान विकसित किए।

स्कूल इनोवेशन मैराथन का विषय ‘विकसित भारत 2047’ था। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों से एक लाख से अधिक नवाचार परियोजनाएं प्राप्त हुई हैं। इनोवेटिव समाधानों में स्वास्थ्य सेवा, कृषि, सतत विकास, डिजिटल परिवर्तन और गतिशीलता शामिल रही।

छात्रों और शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण सत्र स्कूल इनोवेशन मैराथन की आधारशिला थी। ऑनलाइन कार्यशालाओं और ऑफलाइन बूटकैंप के माध्यम से आयोजित साप्ताहिक सत्रों में डिजाइन थिंकिंग, आइडिया, रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, 3 डी प्रिंटिंग और बौद्धिक संपदा अधिकार जैसे विषयों को शामिल किया गया। छात्र टीमों को उनके नवाचार यात्रा के दौरान शिक्षकों और सलाहकारों द्वारा मार्गदर्शन और प्रोत्साहन प्रदान किया गया।

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पीआईबी के अनुसार, स्कूल नवाचार गतिविधियों के लिए नियुक्त राज्य नोडल अधिकारियों ने राज्य और जिला स्तर पर मैराथन के कार्यान्वयन में सहायता की। साप्ताहिक निगरानी सत्रों ने स्कूलों से उच्च स्तर की भागीदारी, जुड़ाव और परियोजना प्रस्तुतियां सुनिश्चित कीं।

जिला स्तर पर आयोजित अभिविन्यास और आउटरीच (Orientation and outreach) सत्रों ने भागीदारी को और अधिक सक्रिय किया, जिसके परिणामस्वरूप छात्रों और शिक्षकों की अभूतपूर्व भागीदारी हुई। जानकारी के मुताबिक, स्कूल इनोवेशन मैराथन 2024 बदलाव लाने में युवाओं की क्षमता का प्रमाण है।

इनोवेशन चैलेंज राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के साथ सहज रूप से जुड़ा हुआ है, जो छात्रों के बीच रचनात्मकता, नवाचार और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देकर अनुभवात्मक शिक्षा और रचनात्मक समस्या-समाधान पर जोर देता है। यह सिर्फ शुरुआत है क्योंकि छात्र अपने प्रोटोटाइप को वास्तविक उत्पादों और व्यवसायों में विकसित करता है, जो उन्हें विकसित भारत के लक्ष्य के करीब लाता है।

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