NEET Topper 2024 Interview: नीट यूजी टॉपर बनने से पहले चुनौतियों से लड़े दिव्यांश, पढ़ें उनकी सफलता की कहानी
Saurabh Pandey | June 5, 2024 | 12:36 PM IST | 3 mins read
एनटीए ने नीट यूजी 2024 का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस वर्ष 13,16,268 छात्रों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। इस बार कुल 67 उम्मीदवारों ने एआईआर-1 हासिल की है। आज पढ़िए नीट यूजी टॉपर दिव्यांश की कहानी...
नई दिल्ली : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने नीट यूजी 2024 का रिजल्ट जारी कर दिया है। एनटीए ने रिजल्ट के साथ ही टॉपर्स लिस्ट भी जारी की है। इस बार नीट यूजी परीक्षा में कुल 67 उम्मीदवारों ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की है। इनमें हरियाणा के दिव्यांश का नाम भी शामिल है।
दिव्यांश ने बीपीएस स्कूल हरियाणा से सीबीएसई बोर्ड से अपनी 11वीं और 12वीं की पढ़ाई की है। दिव्यांश के पिता और चाचा दोनों भारतीय सशस्त्र बल में हैं। डॉक्टर बनने का निर्णय कब लिया? इस सवाला का जवाब देते हुए दिव्यांश ने बताया कि पिता और चाचा से प्रेरित होकर उनका भी सपना सेना में जाने का था और वह एनडीए की परीक्षा देना चाहते थे, लेकिन जब उन्होंने यह बात अपने पिताजी को बताई तो उन्होंने कहा कि एक विशेषज्ञ डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करें।
दिव्यांश ने बताया कि NEET की तैयारी के लिए एलन कोटा सबसे अच्छी जगह थी। इस तरह मैं कोटा चला गया और एलन से जुड़ गया। पहले तो मुझे कोटा में अजीब लगा, लेकिन जल्द ही मुझे एहसास हुआ कि पढ़ाई के लिए इससे बेहतर जगह कोई नहीं हो सकती थी। जुलाई 2023 में कोटा आने के बाद दिव्यांश को सांस लेने में समस्या होने लगी और जिसके बाद परीक्षणों से पता चला कि उसे न्यूमोथोरैक्स है। उनका एक फेफड़ा फट गया था और वह एक फेफड़े से सांस ले रहे थे।
दिव्यांश ने बताया कि मैं सात दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहा। मेरे पिता मुझे चंडीगढ़ के मिलिट्री इमरजेंसी क्लिनिक में ले गए, जहां मैं काफी समय तक भर्ती रही, फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ, फिर वे मुझे इलाज के लिए दिल्ली ले गए, जहां मैंने अतिरिक्त चौदह दिन बिताए।
तीन महीने के इलाज के बाद जब मैं कोटा वापस आया, तो मुझे डेंगू हो गया। डेंगू के कारण मैं सात दिनों तक बिस्तर पर ही पड़ा रहा और जब मैं ठीक हुआ, तो मेरी मां डेंगू से बीमार हो गईं। मैं हर दिन क्लिनिक जाता था।
नीट की तैयारी पर फोकस कैसे किया?
दिव्यांश ने अपनी नीट की तैयारी के बारे में बताया कि मैं 15 सितंबर को कोचिंग में वापस आ गया। बहुत सारा समय बर्बाद करने के बावजूद, मेरे शिक्षकों ने मुझे वापस बुलाया, और उनकी मदद से मैंने एक बार फिर बिना किसी तैयारी के शुरुआत की। दोबारा फोकस करने में करीब 10-15 दिन लग गए। अन्य छात्र कार्यक्रम में काफी आगे थे, फिर भी मैंने खुद पर ध्यान केंद्रित किया और अपने शिक्षकों के निर्देशों पर ध्यान दिया।
परीक्षा से खुद को आराम दिया
दिव्यांश ने नीट परीक्षा से दो दिन पहले पाठ्यक्रम पूरा करने पर बताया कि नीट परीक्षा 5 मई, 2024 को थी और मैंने अपना पाठ्यक्रम 2 मई को समाप्त कर लिया। दो दिन शेष रहते हुए मैंने अपने शिक्षकों की बातों पर ध्यान दिया और 3 और 4 मई को घबराया नहीं। आखिरी दो दिनों में तैयारी के लिए मैंने खुद को आराम करने की सलाह दी और खुद को याद दिलाया कि अगर घबराहट के कारण मैं आखिरी तीन दिनों में सब कुछ भूल गया, तो मैं डॉक्टर नहीं बन पाऊंगा। मैंने आराम करने के लिए फुटबॉल खेला। 5 मई को मैंने इस मानसिकता के साथ नीट परीक्षा दी कि मुझे जो भी अंक मिलेंगे वह भगवान की कृपा से मिलेंगे।
क्या नीट परीक्षा के दिन आपने कोई विशेष रणनीति अपनाई थी? इस सवाल के जवाब में दिव्यांश ने बताया कि ऐसी कोई खास रणनीति नहीं थी। मैंने पहले आसान प्रश्नों का प्रयास किया और बाद में कठिन प्रश्नों का प्रयास किया।
सोर्स- करियर्स 360
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