NEET 2024 Controversy: थलापति विजय ने किया नीट का विरोध, बोले- "एक राष्ट्र, एक पाठ्यक्रम संभव नहीं"
अभिनेता से नेता बने एक्टर ने आगे कहा कि 'एक राष्ट्र, एक पाठ्यक्रम' नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, "पाठ्यक्रम राज्य-केंद्रित होना चाहिए। इसमें विभिन्न दृष्टिकोणों को महत्व दिया जाना चाहिए।"
Press Trust of India | July 3, 2024 | 05:38 PM IST
नई दिल्ली: तमिलनाडु विधानसभा द्वारा नीट परीक्षा के खिलाफ पारित प्रस्ताव का समर्थन करते हुए तमिल अभिनेता और तमिझगा वेत्री कझगम (टीवीके) के संस्थापक थलपति विजय ने नीट परीक्षा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। राज्य में 10वीं और 12वीं कक्षा के मेधावी छात्रों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए विजय ने कहा कि शिक्षा को राज्य सूची में शामिल किया जाना चाहिए। नीट परीक्षा राज्यों के अधिकारों के खिलाफ है।
उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) आने के बाद से तमिलनाडु के छात्र, विशेषकर गरीब छात्र तथा ग्रामीण क्षेत्रों के पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्गों के छात्र, चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने के अपने लक्ष्य से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा को 1975 में समवर्ती सूची में शामिल किया गया था और नीट राज्यों के अधिकारों के खिलाफ है। विजय ने सवाल उठाया कि राज्य के पाठ्यक्रम और स्थानीय भाषा में पढ़ाई करने वाला छात्र 'एनसीईआरटी' पाठ्यक्रम पर आधारित केंद्र सरकार की परीक्षा में कैसे अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।
अभिनेता से नेता बने एक्टर ने आगे कहा कि 'एक राष्ट्र, एक पाठ्यक्रम' नहीं हो सकता। उन्होनें कहा, "पाठ्यक्रम राज्य-केंद्रित होना चाहिए। इसमें विभिन्न दृष्टिकोणों को महत्व दिया जाना चाहिए। विविधता एक ताकत है, कमजोरी नहीं।"
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बता दें कि तमिलनाडु विधानसभा ने 28 जून को केंद्र सरकार द्वारा आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा से राज्य को छूट देने का प्रस्ताव पारित किया है। इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र से राज्य को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा से छूट देने का आग्रह किया है।
सीएम ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा कि प्रोफेशनल कोर्स के लिए चयन प्रक्रिया अलग से प्रवेश परीक्षा के बजाय केवल 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अलग से प्रवेश परीक्षा से छात्रों पर अवांछित अतिरिक्त तनाव पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वे भी अपने राज्य विधानसभा में नीट परीक्षा को खत्म करने के लिए प्रस्ताव पारित करने पर विचार करें।
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