नीट यूजी याचिकाओं पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। फैसले से जुड़े हर अपडेट के लिए वेबसाइट पर बने रहें।
Santosh Kumar | July 8, 2024 | 10:06 PM IST
नई दिल्ली: एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य मेडिकल यूजी कोर्स में एडमिशन के लिए होने वाली नीट यूजी 2024 परीक्षा में अनियमितताओं से जुड़ी 35 से ज्यादा याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज (8 जुलाई) सुनवाई कर रहा है। नीट परीक्षा 2024 रद्द होगी या नहीं? क्या सभी छात्रों के लिए नीट 2024 परीक्षा दोबारा आयोजित की जाएगी या नहीं? इन सभी सवालों के जवाब देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जल्द ही कोई बड़ा फैसला दे सकता है।
नीट यूजी 2024 परीक्षा 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इसमें करीब 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। पहले नीट परीक्षा 2024 के नतीजे 14 जून को आने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन समय से पहले पूरा हो जाने के कारण नतीजे 4 जून को घोषित किए गए। इसके बाद परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर हंगामा हुआ, जिस पर कोर्ट आज (8 जुलाई) अपना अंतिम फैसला सुनाएगा।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने नीट यूजी याचिकाओं पर सुनवाई की। बेंच की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने की और इसमें दो अन्य जज जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल हैं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दोबारा परीक्षा कराने पर अपना पक्ष रखा है। शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार (5 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर नीट परीक्षा रद्द करने की मांग का विरोध किया था।
सरकार ने हलफनामे में कहा है कि कथित अनियमितताएं सिर्फ पटना और गोधरा केंद्रों पर हुई थीं और इसके आधार पर पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जानी चाहिए। अगर परीक्षा प्रक्रिया रद्द होती है तो यह लाखों ईमानदार छात्रों का नुकसान होगा। मंत्रालय ने कहा कि पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई कर रही है। ये बातें शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक वरुण भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कही हैं।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 11 जून को कथित प्रश्नपत्र लीक और अन्य अनियमितताओं के आधार पर नीट यूजी 2024 को फिर से आयोजित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने पाया कि नीट यूजी 2024 की पवित्रता प्रभावित हुई है। इस पर उसने केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा था।
हालांकि, अदालत ने एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सफल उम्मीदवारों की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने 18 जून को परीक्षा से संबंधित अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था कि यदि परीक्षा आयोजित करने में किसी की ओर से "0.001 प्रतिशत भी लापरवाही" हुई हो, तो उससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
बेंच की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे थे और इसमें दो अन्य न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि नीट परीक्षा 2024 रद्द होगी या नहीं? क्या सभी छात्रों के लिए नीट 2024 परीक्षा फिर से आयोजित की जाएगी या नहीं?
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि अगर प्रश्नपत्र टेलीग्राम, वॉट्सऐप और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से लीक हो रहा है, तो यह जंगल में आग की तरह फैलेगा।
नीट-यूजी की पवित्रता को लेकर कोर्ट ने कहा कि सरकार को विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने पर विचार करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने आज यानी 8 जुलाई को NTA NEET UG 2024 विवादों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई की।
सीजेआई ने कहा, 24 लाख छात्रों के लिए परीक्षा रद्द करने एक अंतिम उपाय है।
नीट यूजी मामले की अगली सुनवाई अब 11 जुलाई को होगी।
नीट यूजी 2024 पर एससी ने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है, हम लीक की समय सीमा का पता लगा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि केंद्र और एनटीए ने इस गड़बड़ी के लाभार्थी छात्रों की पहचान करने के लिए क्या कार्रवाई की है?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, उसे बताया गया है कि पटना, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और झारखंड में एफआईआर दर्ज की गई है। पेपर लीक से जुड़ी एफआईआर सिर्फ पटना तक सीमित है या नहीं, इस पर विस्तृत विचार की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को प्रश्नपत्र लीक होने की घटना और 5 मई को परीक्षा आयोजित होने के बीच की समयावधि से अवगत कराने का निर्देश दिया।
सीजेआई ने कहा, एनटीए, यूनियन और सीबीआई द्वारा हलफनामा बुधवार शाम 5 बजे रिकॉर्ड में रखा जाएगा और याचिकाकर्ताओं के वकील को भी सौंपा जाएगा।
सीजेआई ने कहा, अनुरोध किया गया है कि मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को की जाए। इस बीच आईओ (सीबीआई) की रिपोर्ट रिकॉर्ड में रखी जाए।
सीजेआई: ऐसी स्थिति में जहां उल्लंघन से पूरी प्रक्रिया प्रभावित होती है और लाभार्थियों को दूसरों से अलग करना संभव नहीं है, वहां फिर से जांच का आदेश देना आवश्यक हो सकता है।
सीजेआई ने कहा, हमें इनकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे समस्या और बढ़ेगी, हर कोई जानता है कि जानकारी लीक हुई थी।
सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मांगी गई सभी जानकारियां साझा करने के लिए बुधवार तक का समय मांगा है। सीजेआई ने कहा कि हम आपको एक दिन का समय देते हैं। हम चाहते हैं कि सभी याचिकाकर्ताओं के वकील, जो दोबारा जांच की मांग कर रहे हैं, बुधवार को अपनी दलीलें पेश करें। हम चाहते हैं कि आप सभी 10 पेज से ज्यादा की नहीं, बल्कि एक समेकित दलील तैयार करें।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि केंद्र और एनटीए ने इस गड़बड़ी के लाभार्थी छात्रों की पहचान करने के लिए क्या कार्रवाई की है।
सीजेआई ने कहा, '24 लाख छात्रों के लिए परीक्षा रद्द करने का मामला अंतिम उपाय है...' सीजेआई ने कहा कि लेकिन हमें तथ्यों पर कुछ स्पष्टता होनी चाहिए ताकि हम समझ सकें कि क्या यह इतना व्यवस्थित था कि हमें दोबारा परीक्षा का आदेश देना पड़ा।
सीजेआई ने कहा कि एक बात तो साफ है- NEET Paper Leak हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी है?
नीट यूजी के खतरे की पहचान और परीक्षा परिणाम के डेटा विश्लेषण पर सीजेआई ने कहा, 'हमें एक विशेषज्ञ समिति बनानी चाहिए।'
सीजेआई ने कहा, "अगर पेपर लीक और परीक्षा के दिन के बीच का समय कम है, तो NEET UG के लिए दोबारा परीक्षा नहीं हो सकती है। हालांकि, अगर पेपर लीक और परीक्षा के बीच का समय अंतराल ज़्यादा है, तो यह समझ में आ सकता है।"
सीजेआई ने इस बार NEET UG 2024 के आयोजन में संभावित खतरों की पहचान करने के लिए डेटा विश्लेषण का प्रस्ताव दिया है। इसमें कुछ प्रमुख बिंदु शामिल हैं:
सीजेआई ने प्रश्नपत्रों के प्रारूप तैयार करने और एनटीए को सौंपे जाने की तारीखें, उन्हें प्रिंटिंग प्रेस में भेजने की हिरासत क्या है और उन्हें कब भेजा गया, इस बारे में भी एनटीए से पूछताछ की। उन्होंने प्रश्नपत्रों के परिवहन और उन्हें केनरा और एसबीआई बैंक में भेजने की प्रक्रिया के बारे में भी एनटीए से पूछताछ की।
एनटीए अधिवक्ता ने पुष्टि की है कि नीट यूजी प्रश्न पत्र परीक्षा से कम से कम 5-6 दिन पहले लॉकर में भेज दिए जाते हैं, और परीक्षा वाले दिन ही उन्हें बाहर निकाल लिया जाता है।
सीजेआई ने पूछा कि ये पत्र विदेश में कैसे वितरित किए गए? इन्हें विदेश कब भेजा गया? इस पर एडवोकेट नरेश कौशिक ने जवाब दिया कि इन्हें दूतावासों के जरिए भेजा गया था। सीजेआई ने पूछा कि इन्हें दूतावासों में कैसे भेजा गया? डिप्लोमैटिक बैग या कूरियर? इस पर एडवोकेट कौशिक ने कहा कि हम पता लगाएंगे।
मुख्य न्यायाधीश (वकील 1 से कहा): वह कौन सी सामग्री है जिसके आधार पर आप पुनः परीक्षा का दावा कर रहे हैं? एनटीए ने कहा कि पटना में कथित पेपर लीक का मामला सामने आया है। लाभार्थियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
वकील 1 ने कहा कि बिहार पुलिस का कहना है कि एनटीए ने मानक एसओपी का पालन नहीं किया है। गलती सिस्टम लेवल पर है। इस पर एनटीए का कहना है कि अभी हम यह नहीं कह सकते कि गलती सिस्टम लेवल पर है या नहीं, और पूरे घोटाले का दायरा क्या है?
मुख्य न्यायाधीश ने वकील से पूछा कि इस वर्ष पूरे अंक पाने वाले 67 छात्रों में से कितने ग्रेस मार्क्स (NEET UG Latest News) के लाभार्थी हैं?
वकील ने कहा- कोई नहीं, पिछले वर्षों में केवल 1-3 अभ्यर्थियों को ही पूर्ण अंक प्राप्त हुए थे... इतिहास में यह पहली बार है कि 67 अभ्यर्थियों को पूर्ण अंक प्राप्त हुए हैं।
वकील 1 ने कहा कि NEET 2024 पेपर लीक के कई मामले (neet ug supreme court) सामने आए हैं। पटना पुलिस ने एफआईआर की है। बिहार पुलिस को इस मामले में प्रथम दृष्टया संगठित गिरोह की संलिप्तता मिली है... 67 उम्मीदवारों ने 720/720 अंक प्राप्त किए हैं, जिनमें से 6 एक ही केंद्र से हैं... यह गणितीय रूप से संभव नहीं है।
वकील ने यह भी कहा कि परीक्षा से एक दिन पहले एक टेलीग्राम चैनल ने खुलासा किया कि यह प्रश्नपत्र है और ये उत्तर हैं... इसके बाद एनटीए ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रश्नपत्रों के गलत वितरण की बात स्वीकार की।
याचिकाकर्ताओं के पहले वकील ने कहा कि हम 5 मई को आयोजित इस परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। परिणाम 14 जून को घोषित किया जाना था, लेकिन उन्होंने इसे 4 जून को किया।
NEET UG 2024 मामले पर सुनवाई शुरू हो गई है। याचिकाकर्ता के वकील ने तारीखों की सूची पेश की।
सीजेआई ने कहा कि हमारे पास सिर्फ एक जमानत का मामला है... उसके बाद हम नीट यूजी पर सुनवाई (NEET 2024 Supreme Court Latest News) शुरू करेंगे।
एनटीए और केंद्र नीट यूजी 2024 में कथित पेपर लीक और अनियमितता को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। छात्र संगठनों ने परीक्षा एजेंसी को खत्म करने और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की है।
सीजेआई ने कहा कि हम सबसे पहले उन लोगों की बात सुनेंगे जो दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे हैं। क्योंकि वे पूरी परीक्षा को चुनौती दे रहे हैं, इसलिए उनका कहना है कि पूरी परीक्षा (Supreme Court On NEET 2024) ही गलत है। सबसे पहले हम उनकी बात सुनेंगे
लाइव लॉ के अनुसार, पीठ वर्तमान में (NEET 2024 Supreme Court) आइटम संख्या 20 पर सुनवाई कर रही है। नीट मामले आइटम संख्या 31 में सूचीबद्ध हैं।
सीजेआई ने कहा, "हम दोपहर 2 बजे सुनवाई शुरू करेंगे। हम उन लोगों की सुनवाई शुरू करेंगे जो तर्क देते हैं कि पूरी परीक्षा ही दूषित है। फिर हम व्यक्तिगत शिकायतें सुनेंगे"
नीट परीक्षा मुद्दे पर राजद नेता मनोज कुमार झा ने कहा, "मेरा मानना है कि इस पूरी व्यवस्था में घोटाले की जड़ एनटीए है। एनटीए को खत्म कर देना चाहिए और ऐसे फैसले लिए जाने चाहिए जो छात्रों के भविष्य के लिए बेहतर हों।"
NEET UG 2024 परीक्षा 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी। इसमें करीब 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
एक अन्य वकील ने अगस्त में होने वाली नीट पीजी 2024 परीक्षा (NEET Latest News Today Leaked) से संबंधित याचिका का उल्लेख किया। सीजेआई ने कहा कि पीजी मामले को डी-टैग किया जाएगा।
चीफ जस्टिस ने कहा कि हम पहले वकीलों की बात सुनेंगे, जिनमें से कुछ वकील दोबारा परीक्षा की मांग (Supreme Court Verdict on NEET 2024) कर रहे हैं क्योंकि वे पूरी परीक्षा को चुनौती दे रहे हैं। फिर हम एनटीए और सरकार का पक्ष सुनेंगे। अब लंच के बाद सुनवाई जारी रहेगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी ने मेघालय के एक केंद्र के अभ्यर्थियों द्वारा दायर याचिका का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने शिकायत की है कि उन्हें परीक्षा के लिए पूरा समय नहीं दिया गया।
आजतक के मुताबिक, चीफ जस्टिस ने कहा कि हम पहले वकीलों की बात सुनेंगे, जिनमें से कुछ वकील दोबारा परीक्षा (NEET 2024 Supreme Court) की मांग कर रहे हैं क्योंकि वे पूरी परीक्षा को चुनौती दे रहे हैं। फिर हम एनटीए और सरकार का पक्ष सुनेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG) में शामिल होने वाले छात्रों की याचिकाओं पर सुनवाई शुरू कर दी है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, अंतरिम न्यायाधीश बीबी पारदीवाला और अंतरिम न्यायाधीश मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई कर रही है।