NEET Scam 2024: नीट परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी; दूसरे प्रयास में अज्ञात केंद्रों से छात्रों की रैंक में उछाल
विशेषज्ञों ने कहा कि नीट 2024 विवाद सिर्फ़ “स्थानीय” नहीं बल्कि “व्यापक” है। उन्होंने कहा कि एनटीए को सिस्टम पर “बारीकी से नज़र डालने” की ज़रूरत है।
Santosh Kumar | June 25, 2024 | 05:02 PM IST
नई दिल्ली: नीट परीक्षा में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ियों की जांच सीबीआई कर रही है। इस बीच सरकारी सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियां उन छात्रों की सूची बनाने की कोशिश कर रही हैं, जिन्होंने अस्पष्ट केंद्रों पर दूसरे प्रयास में अच्छे अंक हासिल किए और अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। दरअसल, पिछले सालों में देखा गया है कि नीट उम्मीदवारों की रैंक में पहले प्रयास के मुकाबले दूसरे प्रयास में भारी उछाल आया है। विशेषज्ञों के मुताबिक परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली की आशंका है, जिसकी अब जांच की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, नीट 2022 में एक छात्रा की रैंक पहले प्रयास में 2 लाख थी, लेकिन दूसरे प्रयास में बढ़कर 8,000 हो गई। वर्तमान में यह उम्मीदवार मुंबई के LTMG सायन अस्पताल की छात्रा है। इसी तरह, 2022 की एक अन्य उम्मीदवार, जिसने 10 लाख से अधिक रैंक हासिल की थी, उसने अपने दूसरे प्रयास में लगभग 13,000 रैंक हासिल की। वह अब मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में पढ़ती है।
मेडिकल क्षेत्र के शिक्षाविदों ने इसे चौंकाने वाला बताया है। दोनों में एक बात समान थी कि दोनों ने दूसरी बार किसी अज्ञात केंद्र से परीक्षा दी थी। सरकारी सूत्रों ने बताया कि ऐसे छात्रों की सूची तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है, जिन्होंने अज्ञात केंद्र से दूसरी बार अच्छे अंक प्राप्त किए हैं और अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।
इस साल भी ऐसा ही मामला सामने आया जब अलग-अलग राज्यों के छात्रों ने गुजरात के गोधरा के एक स्कूल से परीक्षा देने का विकल्प चुना। इस घोटाले का पर्दाफाश करने वाली गुजरात पुलिस ने बताया कि छात्रों से उन सवालों के जवाब भरने को कहा गया जिन्हें वे जानते थे और बाकी सवालों के जवाब नहीं दिए गए।
NEET UG Paper Leak: उच्च रैंक के लिए मांगे रुपये
गोधरा के पुलिस अधीक्षक हिमांशु सोलंकी ने कहा, “पर्यवेक्षकों को पेपर पैक करने के लिए जो आधे घंटे का समय मिलता है, उस दौरान केंद्र के उपाधीक्षक को खाली उत्तर-पत्र भरने होते हैं। उत्तर कुंजी कोचिंग संस्थानों द्वारा प्रदान की जानी थी, जो परीक्षा के बाद ऑनलाइन कुंजी उपलब्ध कराते हैं।” एक परामर्शदाता ने कहा कि पुलिस को इस बात की जांच करनी चाहिए कि छात्र “समझौता किए गए” केंद्रों में कैसे आवंटित किए गए।
जब अभ्यर्थी अपना नीट यूजी आवेदन भरते हैं, तो उनसे परीक्षा केंद्रों के लिए दो शहरों के विकल्प देने की अपेक्षा की जाती है। अभिभावक प्रतिनिधि और काउंसलर सुधा शेनॉय ने कहा, "फरवरी में फॉर्म भरने से पहले, अभिभावकों ने मुझे एजेंटों के बारे में बताया, जिन्होंने कहा था कि वे अभ्यर्थियों के लिए फॉर्म भरेंगे और परीक्षा केंद्र शहरों से दूर होंगे।"
उन्होंने अभिभावकों को आश्वासन दिया था कि उनके बच्चे को 'उच्च' रैंक मिलेगी और 1 लाख रुपये एडवांस और 9 लाख रुपये परिणाम के बाद मांगे थे। मैंने उन्हें ऐसे किसी भी जाल में फंसने से रोका था, अभिभावक प्रतिनिधि और काउंसलर सुधा शेनॉय ने कहा।
NEET UG Controversy: परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी
शेनॉय ने सवाल किया, "अगर एनटीए कंप्यूटर के द्वारा परीक्षा केंद्र आवंटित करता है, तो भुगतान करने वाले छात्र समझौता किए गए परीक्षा केंद्रों तक कैसे पहुंच रहे हैं?" पिछले साल, एक निजी विश्वविद्यालय के प्रमुख ने देखा कि पहले साल के सबसे प्रतिभाशाली छात्र उन विषयों में असफल हो रहे थे, जिनमें उन्होंने विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया था। जब उन्होंने इस पर बारीकी से गौर किया, तो उन्होंने पाया कि उनके कुछ परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी थी।
विश्वविद्यालय के प्रमुख ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “हमने जिस परीक्षा एजेंसी के साथ काम किया, उसे बदल दिया। हमें एहसास हुआ कि परीक्षा केंद्रों में गड़बड़ी थी।” विशेषज्ञों ने कहा कि नीट 2024 विवाद केवल “स्थानीय” नहीं है, बल्कि “बड़े पैमाने पर फैला हुआ” है। उन्होंने कहा कि NTA को सिस्टम को “बारीकी से देखने” की आवश्यकता है।
छात्र प्रतिनिधि और काउंसलर सचिन बांगर ने कहा, "छात्रों को उनकी कक्षा 10वीं, 12वीं की परीक्षा तिथियों और आधार कार्ड के पते के आधार पर परीक्षा केंद्र दिए जाने चाहिए। साथ ही, निगरानी के लिए सरकारी अधिकारियों को शामिल किया जाना चाहिए। मतदान के दौरान की तरह, उन्हें परीक्षा से एक रात पहले उनकी ड्यूटी के बारे में भी सूचित किया जाना चाहिए।"
अगली खबर
]NEET Controversy: नीट विवादों के बीच छात्र चुन रहे हैं ये प्राइवेट कॉलेज, MBBS की फीस केवल ₹3000
इस साल नीट यूजी में 67 छात्रों ने टॉप किया है, लेकिन एम्स में एमबीबीएस की सामान्य श्रेणी में सिर्फ 48 सीटें हैं। ऐसे में कुछ छात्र प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज एम्स, नई दिल्ली को छोड़कर दूसरे विकल्प तलाश रहे हैं।
Santosh Kumarविशेष समाचार
]- JEE Main 2025: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? जानें ब्रांच वाइज कटऑफ रैंक
- JEE Advanced 2025: आईआईटी पटना के लिए जेईई एडवांस्ड में कितने मार्क्स चाहिए? ब्रांच वाइज कटऑफ रैंक जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी जालंधर के लिए जेईई मेन में कितने अंक चाहिए? एनआईआरएफ रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें
- JEE Advanced 2025: आईआईटी धारवाड़ के लिए जेईई एडवांस्ड में कितने मार्क्स चाहिए? ब्रांच वाइज कटऑफ रैंक जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी अगरतला के लिए जेईई मेन में कितने अंक चाहिए? एनआईआरएफ रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें
- JEE Advanced 2025: आईआईटी रोपड़ के लिए जेईई एडवांस्ड में कितने मार्क्स चाहिए? ब्रान्चवाइज रैंक स्कोर जानें
- JEE Advanced 2025: आईआईटी जोधपुर के लिए जेईई एडवांस में कितने अंक चाहिए? रैंक, कटऑफ और पात्रता जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी रायपुर के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी गोवा के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें
- JEE Main 2025: एनआईटी सूरत के लिए जेईई मेन में कितने मार्क्स चाहिए? रैंक, कटऑफ और एलिजिबिलिटी जानें