NEET PG 2025: नीट पीजी एक शिफ्ट में कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में 2 याचिकाएं दायर, कब होगी सुनवाई?

Santosh Kumar | May 4, 2025 | 03:57 PM IST | 2 mins read

इससे पहले, फाइमा डॉक्टर्स एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर मांग की कि नीट पीजी 2025 परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाए।

याचिका में नीट पीजी नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया और परीक्षा के बाद आंसर की जारी करने जैसे मुद्दे भी जोड़े गए हैं। (प्रतीकात्मक-विकिमीडिया कॉमन्स)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्नातकोत्तर पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट पीजी) 2025 के लिए प्रस्तावित दो-शिफ्ट प्रारूप पर विवाद गहराता जा रहा है। इस प्रणाली को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह प्रणाली न तो निष्पक्ष है और न ही पारदर्शिता सुनिश्चित करती है। याचिका में नीट पीजी नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया और परीक्षा के बाद आंसर की जारी करने जैसे मुद्दे भी जोड़े गए हैं।

याचिकाओं में मांग की गई है कि परीक्षा पहले की तरह एक पाली में कराई जाए ताकि सभी को समान अवसर मिल सके। याचिकाकर्ताओं ने 2 पालियों वाली प्रणाली को पक्षपातपूर्ण और अंकों में असमानता पैदा करने वाला बताया है।

बता दें कि पहली याचिका यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (यूडीएफ) द्वारा दायर की गई है, जो हजारों डॉक्टरों और उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व करने वाला राष्ट्रीय चिकित्सा संघ है। दूसरी याचिका डॉ. अदिति गुप्ता और 6 अन्य डॉक्टरों द्वारा दायर की गई है।

NEET PG 2025: आंसर की सार्वजनिक करने की मांग

दोनों याचिकाओं में कई शिफ्टों में अलग-अलग प्रश्नपत्रों के इस्तेमाल और एक अपारदर्शी सामान्यीकरण प्रक्रिया पर गंभीर चिंता जताई गई है, जिसके बारे में याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि इससे परीक्षा की अखंडता कमजोर होती है।

मुंबई स्थित चिकित्सा शिक्षा कार्यकर्ता बृजेश सुतारिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दो नई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिसमें दो शिफ्ट की परीक्षा में पारदर्शिता की कमी और अनुचित सामान्यीकरण पर सवाल उठाए गए हैं।

याचिकाओं में एक शिफ्ट की परीक्षा और आंसर की को सार्वजनिक करने की मांग की गई है। सुतारिया ने कहा, "उम्मीदवारों को न्याय और स्पष्टता मिलनी चाहिए। उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए, क्योंकि वे देश के भावी डॉक्टर हैं।"

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NEET PG 2025: कोर्ट कर सकता है मामले की सुनवाई

यूडीएफ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दो पालियों में परीक्षा को अनुच्छेद 14 व 21 का उल्लंघन बताया है। अध्यक्ष डॉ. लक्ष्य मित्तल ने कहा कि पालियों में अंतर और पारदर्शिता के बिना सामान्यीकरण से परीक्षा की निष्पक्षता प्रभावित होती है।

अभिभावक प्रतिनिधि सुधा शेनॉय ने याचिका का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि इस बार सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई समय पर करेगा। परीक्षाएं नजदीक आने के साथ ही अभ्यर्थियों की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं।

इससे पहले, फाइमा डॉक्टर्स एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर मांग की है कि नीट पीजी 2025 परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाए। एनबीईएमएस नीट पीजी 2025 परीक्षा 15 जून को आयोजित करेगी।

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