NEET PG 2025: नीट पीजी परीक्षा एक शिफ्ट में कराने की मांग, फाइमा ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लिखा पत्र
एनबीईएमएस ने नीट पीजी 2025 परीक्षा के लिए आवेदन पत्र जारी किया है। परीक्षा कंप्यूटर आधारित यानी सीबीटी मोड में आयोजित की जाएगी।
Santosh Kumar | April 21, 2025 | 02:23 PM IST
नई दिल्ली: नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) 15 जून को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट फॉर पोस्टग्रेजुएट (नीट पीजी) 2025 परीक्षा आयोजित करेगा। इस बीच, दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने का विरोध हो रहा है। फाइमा डॉक्टर्स एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर नीट पीजी 2025 परीक्षा एक शिफ्ट में आयोजित करने की मांग की गई है।
हाल ही में, एनबीईएमएस ने नीट पीजी 2025 परीक्षा के लिए आवेदन पत्र जारी किया है। नीट पीजी 2025 परीक्षा कंप्यूटर आधारित यानी सीबीटी मोड में आयोजित की जाएगी। आवेदन की अंतिम तिथि 7 मई, 2025 तय की गई है।
NEET PG 2025: 'नीट पीजी परीक्षा एक पाली में होनी चाहिए'
फाइमा ने अपने पत्र में लिखा है कि हजारों नीट पीजी उम्मीदवारों और चिकित्सा समुदाय की ओर से हम स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से अनुरोध करते हैं कि परीक्षा एक ही पाली में आयोजित की जाए, जैसा कि 2017 से होता आ रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2017 में निर्णय लिया था कि निष्पक्षता, पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा एक ही पाली में आयोजित की जाएगी। इससे सभी उम्मीदवारों को समान अवसर और आत्मविश्वास मिलता है।
फाइमा ने अपने पत्र में आगे लिखा, "इसके विपरीत, जब परीक्षाएं कई पालियों में आयोजित की जाती हैं, तो प्रश्नों की कठिनाई और विषयों का वितरण भिन्न होता है, जिससे छात्रों में भ्रम, चिंता और असंतोष पैदा होता है।"
NEET PG 2025 Exam Date: एक परीक्षा के लिए दो प्रश्नपत्र क्यों?
फाइमा ने लिखा है कि नीट पीजी जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में सभी छात्रों के लिए एक ही प्रश्नपत्र होना चाहिए। अलग-अलग शिफ्ट और नॉर्मलाइजेशन से छात्रों का करियर खराब होता है। स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध है कि वह इसमें हस्तक्षेप करें।
छात्रों ने पहले भी ऐसे मामलों में चिंता जताई है, जिससे नतीजों पर असर पड़ता है। नीट पीजी एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परीक्षा है जो लाखों छात्रों का भविष्य तय करती है। इसलिए नीट पीजी 2025 एक ही शिफ्ट में आयोजित करना जरूरी है।
फाइमा डॉक्टर्स एसोसिएशन ने लिखा, "हम राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि इस पुराने और सफल नियम को बरकरार रखा जाए। ताकि परीक्षा प्रणाली में निष्पक्षता, पारदर्शिता और विश्वास बना रहे।"
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