ईओयू की ओर से जारी बयान के अनुसार, गिरफ्तार किए गए 5 लोगों की पहचान बलदेव कुमार, मुकेश कुमार, पंकू कुमार, राजीव कुमार और परमजीत सिंह के रूप में हुई है। ये सभी नालंदा के रहने वाले हैं।
Press Trust of India | June 24, 2024 | 03:27 PM IST
नई दिल्ली: बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने नीट 'प्रश्नपत्र लीक' मामले की जांच तेज करते हुए रविवार (23 जून) को 5 और संदिग्धों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों को एक दिन पहले झारखंड के देवघर से हिरासत में लिया गया था। इसके साथ ही इस मामले में अब तक 18 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब सीबीआई ने 5 मई को आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है।
नीट-यूजी प्रश्नपत्र लीक होने के दावे के साथ देश भर में छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। ईओयू की ओर से जारी बयान के अनुसार, गिरफ्तार किए गए 5 लोगों की पहचान बलदेव कुमार, मुकेश कुमार, पंकू कुमार, राजीव कुमार और परमजीत सिंह के रूप में हुई है। ये सभी नालंदा के रहने वाले हैं।
खबर है कि कुख्यात संजीव कुमार उर्फ लूटन मुखिया गिरोह से जुड़े बलदेव कुमार को परीक्षा से एक दिन पहले कथित तौर पर अपने मोबाइल फोन पर पीडीएफ प्रारूप में नीट-यूजी परीक्षा की हल की गई उत्तर पुस्तिका मिली थी। बयान में मुखिया गिरोह के सदस्यों को लीक हुई उत्तर पुस्तिका के स्रोत के रूप में आरोपित किया गया है, जिन पर कई अंतरराज्यीय पेपर लीक करने का आरोप है।
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जांच से पता चला है कि बलदेव और उसके साथियों ने 4 मई को पटना के राम कृष्ण नगर में एक घर में इकट्ठा हुए छात्रों को हल की गई उत्तर पुस्तिकाएं बांटी थीं ताकि वे इसे याद कर सकें। बयान में कहा गया है कि उम्मीदवारों को पहले से गिरफ्तार दो लोगों - नीतीश कुमार और अमित आनंद द्वारा वहां लाया गया था। बयान के अनुसार, लीक हुआ NEET UG Question Papers मुखिया गिरोह द्वारा झारखंड के हजारीबाग के एक निजी स्कूल से प्राप्त किया गया था।
ईओयू ने प्रश्नपत्रों को संभालने के लिए जिम्मेदार कई लोगों से पूछताछ की, जिनमें बैंक अधिकारी और कूरियर कंपनी के कर्मचारी भी शामिल थे। पटना के भीतर आरोपियों और उम्मीदवारों को लाने-ले जाने में मदद करने के आरोप में एक टैक्सी चालक मुकेश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया है। बयान में कहा गया है कि एनटीए द्वारा पहचाने गए 15 उम्मीदवारों की जांच की जा रही है, जिनमें से 4 से पहले ही पूछताछ की जा चुकी है।
इस बीच, बिहार गृह विभाग ने 23 जून को जारी एक अधिसूचना में पटना के शास्त्रीनगर पुलिस स्टेशन में 5 जून को दर्ज की गई एफआईआर की जांच के लिए सीबीआई को अपनी सहमति दे दी। मामले की जांच का जिम्मा संभालने के लिए सीबीआई की टीम पटना पहुंच गई है।