National Science Day 2025: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस आज; सर सीवी रमन और उनके योगदान के बारे में जानें

नेशनल साइंस डे 2025 की थीम “विकास भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना” विषय पर आधारित है।

पहली बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 1987 में मनाया गया था। (स्त्रोत-पीआईबी)
पहली बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 1987 में मनाया गया था। (स्त्रोत-पीआईबी)

Abhay Pratap Singh | February 28, 2025 | 09:02 AM IST

नई दिल्ली: भारत में प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) मनाया जाता है। 1928 को इस दिन भारत के महान वैज्ञानिक सर सीवी रमन ने रमन प्रभाव की खोज की थी। इसके लिए भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक डॉ. सीवी रमन को 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला था। राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) द्वारा 1986 में इस दिन नेशनल सांइस डे (NSD) मनाने का प्रस्ताव रखा गया था।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य -

पहली बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 1987 में मनाया गया था। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य विज्ञान के क्षेत्र में शोध और विकास के साथ ही विज्ञान के प्रति जागरूकता और रुचि को बढ़ावा देना है। नेशनल साइंस डे के अवसर पर देश के वैज्ञानिक संस्थानों, अनुसंधान क्रेंद्रों, विश्वविद्यालयों और स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

नेशनल साइंस डे 2025 थीम -

नेशनल साइंस डे 2025 की थीम “विकास भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना” विषय पर आधारित है। यह थीम विज्ञान और प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता के रूप में भारत के भविष्य को आकार देने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देती है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस अगली पीढ़ी को वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार में करियर बनाने के लिए प्रेरित करता है।

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रमन प्रभाव की खोज -

इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस (IACS) कोलकाता में काम करते हुए सर सीवी रमन ने 1928 में एक महत्वपूर्ण खोज की, जिसे रमन प्रभाव का नाम दिया गया। उन्होंने पाया कि जब प्रकाश किसी पारदर्शी पदार्थ से होकर गुजरता है, तो उसका कुछ भाग बिखर जाता है और तरंगदैर्घ्य में परिवर्तन होता है। रमन प्रभाव स्पेक्ट्रोस्कोपी में एक घटना है।

सर सीवी रमन का योगदान -

डॉ सीवी रमन का रमन प्रभाव के अलावा विज्ञान के क्षेत्र में निम्नलिखित योगदान हैं:

  • ध्वनिकी - उन्होंने अध्ययन किया कि संगीत वाद्ययंत्र किस प्रकार ध्वनि उत्पन्न करते हैं।
  • प्रकाशिकी और क्रिस्टल भौतिकी - उन्होंने क्रिस्टल की संरचना और व्यवहार पर शोध किया।
  • समुद्र का रंग - उन्होंने बताया कि समुद्र का गहरा नीला रंग पानी के अणुओं द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण है।

डॉ सीवी रमन कौन थे -

सर सीवी रमन का पूरा नाम चंद्रशेखर वेंकट रमन है, उनका जन्म 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने 1948 में बैंगलोर में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की। डॉ सीवी रमन को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। डॉ सीवी रमन का निधन 21 नवंबर, 1970 को हुआ था।

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