National Science Day 2024: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस थीम, इतिहास, जानिए क्या है रमन इफेक्ट?

Saurabh Pandey | February 27, 2024 | 06:38 PM IST | 2 mins read

National Science Day : सर सीवी रमन ने 28 फरवरी 1928 को रमन प्रभाव की खोज की घोषणा की और इसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर वर्ष 28 फरवरी को मनाया जाता है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर वर्ष 28 फरवरी को मनाया जाता है।

नई दिल्ली : देश भर में हर वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। यह दिन महान भौतिक विज्ञानी और अविष्कारक सर सीवी रमन की याद में मनाया जाता है। हर बार इस दिन के लिए एक थीम तैयार की जाती है। इस बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम का विषय "विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक" है। आइए जानते हैं इसके महत्व और इतिहास के बारे में...

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विभिन्न कारणों से बहुत महत्व रखता है। यह विज्ञान के महत्व और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में इसकी भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक मंच है। यह दिन विज्ञान और प्रौद्योगिकी में हुई प्रगति को प्रतिबिंबित करने और उन क्षेत्रों की पहचान करने का पूरा अवसर देता है जहां अधिक काम करने की आवश्यकता है।

What Is Raman Effect क्या है रमन इफेक्ट?

रमन प्रभाव वह घटना है जहां पारदर्शी सामग्री से गुजरने पर प्रकाश बिखर जाता है, जिससे तरंग दैर्ध्य और ऊर्जा में परिवर्तन होता है। 1928 में 28 फरवरी को सीवी रमन ने रमन प्रभाव की खोज की थी। भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण उन्हें 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार भी मिला। इस खोज की याद में, हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है।

भारत में 28 फरवरी 1928 को भारतीय भौतिक विज्ञानी सर चन्द्रशेखर वेंकट रमन द्वारा 'रमन प्रभाव' की खोज की याद में यह दिन मनाया जाता है। भारत सरकार ने 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में नामित किया था। इस अवसर पर, पूरे देश में थीम-आधारित विज्ञान संचार गतिविधियां की जाती हैं।

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सीवी रमन के बारे में...

चन्द्रशेखर वेंकट रमन का जन्म 7 नवंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिलापल्ली में हुआ था। उन्होंने विशाखापट्टनम के सेंट एलॉयसिस एंग्लो इंडियन हाईस्कूल और तत्कालीन मद्रास के प्रेसीडेंसी कॉलेज से पढ़ाई की। प्रेसीडेंसी कॉलेज से उन्होंने 1907 से एमएससी की पढ़ाई पूरी की। मद्रास यूनिवर्सिटी में उन्हें फिजिक्स का गोल्ड मेडल मिला। 1907 से 1933 के बीच उन्होंने कोलकाता में इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस में काम किया इस दौरान उन्होंने फिजिक्स से जुड़े हुए विषयों पर गहन रिसर्च किया। 1947 में वह इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के डायरेक्टर बने।

सर्वोच्च नागरिक सम्मान

सर सीवी रमन को साल 1954 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से नवाजा था। वह भौतिकी में नोबेल पुरस्कार पाने वाले भारत ही नहीं एशिया के पहले वैज्ञानिक थे। 21 नवंबर 1970 को उनका निधन हो गया था।

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