MBBS Admission: फर्जी जाति प्रमाण पत्र से एमबीबीएस में दाखिला लेने वाले छात्र को 7 साल की कैद

विशेष अभियोजन अधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि सुनवाई के बाद कोर्ट ने अमित कुमार बिंद को दोषी करार देते हुए सजा व जुर्माने का आदेश दिया।

छात्र ने अनुसूचित जाति/जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर एडमिशन लिया था। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)
छात्र ने अनुसूचित जाति/जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर एडमिशन लिया था। (प्रतीकात्मक-फ्रीपिक)

Press Trust of India | November 13, 2024 | 08:23 AM IST

उत्तर प्रदेश: प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर एमबीबीएस में एडमिशन लेने वाले छात्र को भदोही की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने 7 साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस मामले में छात्र को दोषी करार देते हुए उस पर 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। छात्र ने अनुसूचित जाति/जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर एडमिशन लिया था।

पुलिस अधीक्षक मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि जिले के गोपीगंज थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव के अमित कुमार बिंद ने ओबीसी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश लिया था और वहीं पढ़ाई की थी।

बाद में छात्र ने 23 मार्च, 2010 को फर्जी तरीके से एससी/एसटी का प्रमाण पत्र बनवाया और इसी के आधार पर 2018 में दलित कोटे से मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज में एमबीबीएस में दाखिला लिया और पढ़ाई कर रहा था।

Also readMBBS Admission 2024-25: एनएमसी ने मेडिकल कॉलेजों को एमबीबीएस छात्रों के प्रवेश विवरण जमा करने का दिया निर्देश

उन्होंने बताया कि गोपीगंज थाना क्षेत्र के विजय बहादुर उर्फ विश्राम ने 7 जून 2018 को अमित कुमार बिंद के खिलाफ फर्जी प्रमाण पत्र की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद जांच पूरी कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

एफआईआर दर्ज होने के बाद कॉलेज ने बिंद का एडमिशन रद्द कर दिया और उसे कॉलेज से निकाल दिया। विशेष अभियोजन अधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि सुनवाई के बाद कोर्ट ने बिंद को दोषी करार देते हुए सजा और जुर्माने का आदेश दिया।

Download Our App

Start you preparation journey for JEE / NEET for free today with our APP

  • Students300M+Students
  • College36,000+Colleges
  • Exams550+Exams
  • Ebooks1500+Ebooks
  • Certification16000+Certifications