UP News: उत्तर प्रदेश के मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय में नहीं पढ़ाया जाएगा विदेशी आक्रमणकारियों का इतिहास
Press Trust of India | June 13, 2025 | 07:56 PM IST | 2 mins read
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रविशंकर सिंह ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को राष्ट्र की आत्मा के अनुरूप ढालना आवश्यक है, न कि उन लोगों के अनुसार जो केवल विनाश और उपनिवेशवाद लेकर आए।
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर स्थित मां पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रविशंकर सिंह ने शुक्रवार (13 जून, 2025) को बताया कि विश्वविद्यालय में विदेशी आक्रमणकारियों का इतिहास नहीं पढ़ाया जाएगा। एक दिवसीय दौरे पर गोंडा पहुंचे कुलपति ने लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज (एलबीएस डिग्री कॉलेज) में पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन्होंने भारतीय संस्कृति को नष्ट किया, उन्हें विश्वविद्यालय की पाठ्यपुस्तकों (पाठ्यक्रमों) में महिमामंडित नहीं किया जाएगा। कुलपति प्रो रविशंकर सिंह ने कहा कि पाठ्यक्रमों में भारतीय संस्कृति, धर्म और परंपराओं को महत्व मिलेगा।
एलबीएस डिग्री कॉलेज में आयोजित महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों की एक बैठक में शामिल होने के लिए गोंडा पुहंचे प्रो सिंह ने कहा कि अब विश्वविद्यालय में विदेशी आक्रमणकारियों के वह पाठ नहीं होंगे, जो भारतीय संस्कृति का दमन करते हैं बल्कि इनके स्थान पर विद्यार्थियों को भारतीय गौरवशाली इतिहास, वैदिक परंपरा, संत परंपरा और स्वतंत्रता संग्राम के अनछुए पहलुओं पर केंद्रित अध्ययन कराए जाएंगे।
प्रो सिंह ने कहा, “अब समय आ गया है कि पाठ्यक्रम में वही बातें रहें, जो देश की आत्मा से जुड़ी हैं। विदेशी आक्रमणकारियों के महिमामंडन की बजाय भारतीय संस्कार, आचार, ग्रंथ, समाज और शौर्य को महत्व दिया जाएगा।” कुलपति ने बताया कि श्रावस्ती को बौद्ध व जैन शिक्षा का प्राचीन केंद्र माना जाता है।
उन्होंने कहा कि वहां तिब्बती समुदाय और बौद्ध तीर्थयात्रियों की निरंतर उपस्थिति को देखते हुए विदेशी भाषाओं का विभाग खोला जाएगा, जिससे श्रावस्ती को अंतरराष्ट्रीय भाषा केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद पर्याटन एवं ‘हॉस्पिटैलिटी’ पाठ्यक्रम की मांग तेजी से बढ़ी है और विश्वविद्यालय ने इस मांग को समझते हुए रोजगारपरक शिक्षा देने के लिए इनकी शुरुआत की है। कुलपति ने बताया कि गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती के सभी संबद्ध महाविद्यालयों में आगामी 23 जून को शोध प्रवेश परीक्षा (MPU RET) कराई जाएगी, जिससे विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा और शोध की दिशा में बेहतर अवसर मिलेंगे।
अगली खबर
]विशेष समाचार
]- दिल्ली का भलस्वा स्लम: आधार कार्ड और गंदगी से गुम हुई शिक्षा
- Nobel Prize in Economics 2025: जोएल मोकिर, फिलिप एगियन और पीटर हॉविट को मिलेगा अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार
- भारत में 33 लाख से अधिक छात्र एकल-शिक्षक स्कूलों पर निर्भर, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक नामांकन
- Nobel Peace Prize 2025: वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को मिलेगा नोबेल शांति पुरस्कार, 10 दिसंबर को समारोह
- Nobel Prize in Chemistry 2025: सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन, उमर एम याघी को मिलेगा केमिस्ट्री का नोबेल प्राइज
- Nobel Prize in Physics 2025: जॉन क्लार्क, माइकल एच डेवोरेट और जॉन एम मार्टिनिस को मिला भौतिकी का नोबेल प्राइज
- CAT 2025: कैट परीक्षा 30 नवंबर को 3 पाली में; 2 महीने में कैसे करें तैयारी? जानें एग्जाम पैटर्न, चयन प्रक्रिया
- UP News: यूपी में वजीफा से वंचित 5 लाख से अधिक छात्रों को दिवाली से पहले मिलेगी छात्रवृत्ति, सीएम योगी ने कहा
- NIRF Ranking 2025: यूनिवर्सिटी श्रेणी में डीयू 5वें स्थान पर, टॉप 20 में दिल्ली विश्वविद्यालय के 10 कॉलेज
- NIRF MBA Ranking 2025: आईआईएम अहमदाबाद शीर्ष पर बरकरार, आईआईएम लखनऊ की टॉप 5 में वापसी, देखें लिस्ट